गोहाना, 31 अक्तूबर (निस)
बरोदा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार इंदुराज नरवाल के लिए प्रचार कर रहे राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर पलटवार किया है। सांसद दीपेन्द्र ने मुख्यमंत्री के राजनीति छोड़ने का ऐलान करने वाले बयान पर शनिवार को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर तीन नये कृषि कानूनों में कहीं भी एमएसपी का जिक्र हो तो वे राजनीति छोड़ देंगे, नहीं तो मुख्यमंत्री राजनीति छोड़ दें। मुख्यमंत्री को ऐलान करने से पहले एक बार अपनी सरकार के बनाए कानून पढ़ लेने चाहिए थे।
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने शनिवार को बुटाना, गोहाना अनाज मंडी और कथूरा में कई जनसभाओं को संबोधित करते हुए लोगों से वोट मांगे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार एमएसपी खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ा चुकी है। लेकिन सत्ताधारी नेता अब भी किसानों को गुमराह कर रहे हैं। अगर सत्ताधारी नेता सुरक्षा के घेरे और आलीशान राजनीतिक मंचों को छोड़कर कभी आम किसानों के बीच जाएंगे तो उन्हें जमीनी सच्चाई पता चल जाएगी। उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी 3 नये कृषि कानूनों ने असर दिखाना शुरू कर किया है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले वक्त में किसान और आम आदमी के लिए बड़ी परेशानी खड़ी होने वाली है।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि आज पूरे प्रदेश का किसान धान, बाजरा, मक्का, सब्जियों और अन्य उत्पादों को बहुत कम रेट पर बेचने के लिए मजबूर है। सरकार ने किसान को पूंजीपतियों के हवाले कर दिया है। पूंजीपतियों के गोदाम में पहुंचते ही किसान के उत्पाद का रेट एकाएक महंगा हो जाता है और आम आदमी को उसके लिए कई गुणा अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है। हुड्डा ने कहा कि आलू, प्याज, टमाटर जैसी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, जबकि इनको उगाने वाले किसानों को उनकी लागत के बराबर भी रेट नहीं मिल पाता।
हुड्डा ने कहा कि धान और दूसरी फसलें उगाने वाले किसानों को जो रेट मिल रहा है, उससे लागत भी पूरी नहीं हो पाती। ठेके पर जमीन लेकर खेती करने वाले किसानों को ठेके की रकम भी जेब से चुकानी पड़ रही है। बोनस, सब्सिडी और एमएसपी में बढ़ोतरी का ऐलान करना तो दूर, सरकार अब इसके बारे में बात तक नहीं करना चाहती।