अम्बाला शहर, 26 मई (हप्र)
किसान संगठनों द्वारा प्रस्तावित ब्लैक डे के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की जिला अम्बाला कमेटी ने लाल झंडे फहराकर और काले बिल्ले लगाकर प्रदर्शन किया। बाद में जिला सचिव महावीर पाई की अध्यक्षता में उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा।
संघ नेताओं ने आरोप लगाते हुये कहा कि प्रदेश का तमाम कच्चा व पक्का कर्मचारी तन मन धन से सरकार व प्रदेशवासियों की सेवा कर रहा है। वहीं केंद्र व प्रदेश सरकार किसान-मजदूर व कर्मचारी आंदोलन की अनदेखी कर रही है और आंदोलन को दमनात्मक तरीके से तोड़ने व दबाने का असफ़ल प्रयास कर रही है ।
मुख्यमंत्री को भेजे मांगों के पिटारे में संघ ने मुख्य रूप से मांग की है कि विभिन्न जिलों से नौकरी से निकाले गए सभी वर्गों के कर्मचारियों को वापस ड्यूटी पर लिया जाए। कोरोना संक्रमण को रोकने के कार्यों में लगे सभी नियमित व अनियमित कर्मियों को कोरोना योद्धा का दर्जा दिया जाए। संक्रमण से मृत्यु होने पर बिना भेदभाव के 50 लाख रुपए मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को स्थाई नौकरी दी जाए। अन्य सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों, विश्वविद्यालयों, सहकारी समितियों, सोसाइटीज में कार्यरत शेष कर्मचारियों, नियमित, अनुबंध या आउटसोर्सिंग का संक्रमण से निधन होने पर आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाए। इस मौके पर रविंद्र शर्मा, नैब सिंह, बृज मोहन, सतनाम सिंह, गुरचरण सिंह, राजपाल, भोम सिंह, जोरा सिंह, बलबीर आदि शामिल हुए।
स्वास्थ्य ठेका कर्मियों को हटाने का विरोध
पंचकूला(ट्रिन्यू) : सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने प्रदेशभर से हटाए गए कोरोना योद्धा स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों को नौकरी पर वापस लेने की मांग को लेकर महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा के कार्यालय पर सांकेतिक प्रदर्शन दिया। 13 मई के आदेशों को लागू करवाने एवं सिविल सर्जन व ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर ज्ञापन गया सौंपा। स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों व सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के पदाधिकारियों ने महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं के कार्यालय पर काली पट्टियां बांधकर हाथों में मांगों की तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। एसकेएस महासचिव सतीश सेठी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश भर से पुराने ठेका कर्मियों को नौकरी से हटाने की मिली शिकायतों के बाद महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं ने 13 मई को सभी सिविल सर्जन को आदेश जारी किए थे कि आउटसोर्सिंग पोलिसी के अंतर्गत लगे पुराने किसी भी कर्मचारी को नौकरी से न हटाया जाए और यदि कोई हटाया गया है तो उसे तुरन्त वापस नौकरी पर लिया जाए। लेकिन कई सिविल सर्जन व ठेकेदारों ने महानिदेशक के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए हटाए कर्मचारियों को वापस लेना तो दूर 13 मई के बाद भी कर्मचारियों को हटाना जारी रखा हुआ है। अभी तक 280 पुराने कर्मचारियों को नौकरी से हटाया जा चुका है।
सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन : स्वास्थ्य, बिजली, टूरिज्म, अग्निशमन, नगर निगम आदि विभागों में काली पट्टी बांध कर गेट मीटिंगें की गई और इसमें सभी सदस्यों ने रोष प्रदर्शन किया गया। इसके बाद सकसं के प्रतिनिधि मंडल ने उपायुक्त के माध्यम से कर्मचारियों व किसान मजदूरों का साझा मांग पत्र मुख्यमंत्री को भेजा।