एक राजा को उपहार में किसी ने बाज के दो बच्चे भेंट किये। राजा ने उनकी देखभाल के लिए एक अनुभवी आदमी को नियुक्त कर दिया। कुछ समय पश्चात राजा ने बाजों की देखभाल कर रहे आदमी से कहा, ‘मैं इनकी उड़ान देखना चाहता हूं।’ आदमी का इशारा मिलते ही दोनों बाज उड़ान भरने लगे। एक बाज आसमान की ऊंचाइयों को छू रहा था तो वहीं दूसरा बाज कुछ ऊपर जाकर वापस डाल पर आकर बैठ गया। राजा ने सवाल किया तो सेवक बोला, ‘हुजूर, इस बाज के साथ शुरू से यही समस्या है, वह इस डाल को छोड़ता ही नहीं।’ राजा ने राज्य में ऐलान करा दिया कि जो व्यक्ति इस बाज को ऊंचा उड़ाने में कामयाब होगा, उसे इनाम दिया जाएगा। राज्य में एक से एक विद्वान आये और बाज को उड़ाने का प्रयास करने लगे पर बाज का वही हाल था। एक दिन राजा ने देखा कि उसके दोनों बाज आसमान में उड़ रहे हैं। उन्होंने तुरंत उस व्यक्ति का पता लगाने को कहा, जिसने ये कारनामा कर दिखाया था। वह व्यक्ति किसान था। उसे इनाम में स्वर्ण मुद्राएं भेंट करने के बाद राजा ने कहा, ‘मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूं, बस तुम इतना बताओ कि तुमने यह सब कैसे कर दिखाया।’ किसान बोला, ‘मालिक! मैं तो एक साधारण-सा किसान हूं। मैंने तो बस वह डाल काट दी, जिस पर बाज बैठने का आदी हो चुका था और जब डाल ही नहीं रही तो वह भी अपने साथी के साथ ऊपर उड़ने लगा। प्रस्तुति : पूनम पांडे