शिमला, 20 दिसंबर (निस)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल की जयराम ठाकुर सरकार के चार साल का कार्यकाल पूरा होने के मौके पर 27 दिसंबर को हिमाचल आने का मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का न्योता स्वीकार कर लिया है। जयराम ठाकुर ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात कर चार साल के जश्न में शामिल होने का न्योता दिया। ये जश्न मंडी में होगा जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक जनसभा को संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री ने दिल्ली से लौटने के बाद शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में ये जानकारी दी। जयराम ठाकुर बीते रोज ही दिल्ली गए थे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 दिसम्बर को मंडी में 11 हजार करोड़ रुपए का शिलान्यास व उद्घाटन करेंगे। इन प्रोजेक्टों में राष्ट्रीय महत्व का श्री रेणुका जी पावर प्रोजेक्ट भी शामिल है। पीएम मोदी 40 मेगावाट के इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास करेंगे। रेणुका जी पावर प्रोजेक्ट की लागत करीब 6700 करोड़ रुपए है। प्रोजेक्ट से जहां हिमाचल को 40 मेगावाट बिजली मिलेगी, वहीं उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लूहरी स्टेज वन और धौलासिद्ध पॉवर प्रोजेक्ट की आधारशिला रखने के अलावा सावड़ा कुड्डू पॉवर प्रोजेक्ट का उद्घाटन भी करेंगे। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री का मंडी में करीब 2 घंटे रुकने का कार्यक्रम है। इस दौरान 20,786 करोड़ रुपए की दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी भी होगी।
विधायकों का रिपोर्ट कार्ड भी दिया
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपनी सरकार के 4 साल का रिपोर्ट कार्ड भी प्रधानमंत्री को सौंपा। इसमें मंत्रियों एवं विधायकों का रिपोर्ट कार्ड भी सौंपा गया। उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की भी जानकारी दी। उन्होंने 4 उपचुनाव में भाजपा के हार के कारणों की जानकारी भी दी। ऐसा माना जा रहा है कि उपचुनाव में हार के कारणों को लेकर संगठनात्मक स्तर पर हुई चर्चा के आधार पर 27 दिसम्बर के बाद सत्ता एवं संगठन के स्तर पर बदलाव हो सकते हैं।
ओम बिड़ला से मुलाकात
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नई दिल्ली में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से मुलाकात की। माना जा रहा है कि धर्मशाला के तपोवन स्थित विधान भवन में राष्ट्रीय ई विधान अकादमी स्थापित करने बारे मुख्यमंत्री ने एम बिड़ला से चर्चा की। सनद रहे कि शिमला में बीते दिनों हुए अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में भी मुख्यमंत्री व विधान सभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने ओम बिड़ला के समक्ष यह मुद्दा उठाया था।