सफीदों, 2 अगस्त (निस)
कोविड की बड़ी मार उत्तर रेलवे की रोहतक-पानीपत-जींद शाखा से लगते इलाकों के आम व गरीब लोगों पर ज्यादा पड़ी है क्योंकि पिछले 15 माह से भी ज्यादा समय से इस शाखा पर रेल यात्री गाड़ियां बन्द रहने से उन्हें किसी भी काम से सफर करना महंगा भी पड़ रहा है औऱ दिक्कत भी हो रही है। रेल के मुकाबले पांच गुणा किराया देना पड़ रहा है। रेलगाड़ियां लम्बे समय से बंद रहने से रेलवे स्टेशन, विशेषकर हाल्ट स्टेशन शराबियों का ठिकाना बन रहे हैं जहां रेल की संपत्ति का नुकसान भी हो रहा है। इस रेल शाखा पर कभी दैनिक यात्री रहे कई लोगों का कहना है कि रेल बन्द होने से अधिकारियों का ध्यान ही इस तरफ नहीं रहा। स्टेशनों पर गैर जिम्मेदार लोगों ने कहीं शेड तोड़ दिए, कहीं बेंच तोड़ दिए। यात्री रेल शुरू होने के सवाल पर रेल अधिकारी चुप हैं।
हाल्ट ठेकेदारों ने लगाया शोषण का आरोप
इस शाखा पर टिकट बिक्री व्यवस्था भी बिखरने को है। ज्यादातर स्टेशन (करीब डेढ़ दर्जन) कच्चे (हाल्ट) हैं जहां ठेका आधार पर टिकट बिक्री होती हैं। यह ठेकेदार आरोप लगाते हुए कहते हैं कि उनका शोषण किया जा रहा है। एक पुराने रेल टिकट बिक्री ठेकेदार का कहना है कि पुराने को एक सौ टिकट की बिक्री पर प्रति टिकट केवल सवा रुपया देते हैं, सौ से अधिक पर एक रुपया जबकि नये को 15 प्रतिशत कमीशन। एक अन्य ठेकेदार ने बताया कि मार्च 2020 में रेल बन्द हुई थी। उन्हें मार्च माह का कमीशन नहीं दिया। ठेकेदारों का कहना है कि विभाग उन्हें माहवार रिटेनरशिप उपलब्ध कराए।