नयी दिल्ली, 16 मार्च (एजेंसी)
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि रेलवे भारत की संपत्ति है और उसका कभी भी निजीकरण नहीं होगा। उन्होंने साथ ही कहा कि यात्रियों को अच्छी सुविधाएं मिलें, रेलवे के जरिये अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले…ऐसे कार्यों के लिये निजी क्षेत्र का निवेश देशहित में होगा।
लोकसभा में वर्ष 2021-22 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए पीयूष गोयल ने कहा, ‘दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि कई सांसद निजीकरण और कॉर्पोरेटाइजेशन का आरोप लगाते हैं। भारतीय रेल का कभी निजीकरण नहीं होगा। मैं विश्वास दिलाता हूं कि रेलवे भारत की संपत्ति है उसका कभी निजीकरण नहीं होगा।’ गौरतलब है कि सोमवार को चर्चा के दौरान कांग्रेस के जसबीर सिंह गिल, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर सहित कुछ अन्य सदस्यों ने रेलवे का निजीकरण करने का प्रयास किये जाने संबंधी टिप्पणी की थीं। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों को मंजूरी दे दी।
‘सड़क पर क्या सरकारी गाड़ियां ही चलें’
रेल मंत्री ने कहा कि सड़कें भी सरकार ने बनाई हैं तो क्या कोई कहता है कि इस पर केवल सरकारी गाड़ियां चलेंगी। तो क्या रेलवे में ऐसा नहीं होना चाहिए? क्या यात्रियों को अच्छी सुविधाएं नहीं मिलनी चाहिए। मालवाहक ट्रेनें चलें और इसके लिए अगर निजी क्षेत्र निवेश करता है तो क्या इस पर विचार नहीं होना चाहिए। मंत्री ने कहा कि पिछले 7 वर्षों में रेलवे में लिफ्ट, एस्केलेटर एवं सुविधाओं के विस्तार की दिशा में अभूतपूर्व काम किये गए। उन्होंने कहा, ‘यदि हमें अत्याधुनिक विश्वस्तरीय रेलवे बनाना है तो बहुत धन की आवश्यकता होगी। अगर निजी निवेश भी आए तो देश हित में, यात्रियों के हित में है।’