ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 27 मार्च
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा सत्ता में आने के बाद विधानसभा परिसर में तीन प्रतिमाएं स्थापित करने की योजना में चंडीगढ़ रोड़ा बन गया है। आप सरकार की तर्ज पर पूर्व बादल सरकार भी इस तरह का प्रयास कर चुकी है। आप सरकार के इस ऐलान पर कांग्रेस ने सरकार को घेरते हुए अफसरशाही के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। हाल ही में पंजाब की सत्ता संभालने वाली भगवंत मान सरकार का यह पहला ऐलान है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बीती 22 मार्च को विधानसभा में यह प्रस्ताव रखा था कि विधानसभा परिसर में शहीद भगत सिंह, संविधान निर्माता भीम राव अंबेडकर तथा महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था। जिसका सभी दलों ने समर्थन किया। पंजाब विधानसभा में इस तरह का प्रस्ताव वर्ष 2016 में भी पारित हो चुका है। तत्कालीन बादल सरकार द्वारा अंबेडकर के 125वें जन्म दिवस के अवसर पर बुलाए गए पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान भी विधानसभा में अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। उस समय पंजाब विधानसभा के स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल थे। चरणजीत अटवाल ने पंजाब विधानसभा की तरफ से पारित प्रस्ताव के आधार पर मसौदा तैयार करके चंडीगढ़ प्रशासन को भेजा था। उस समय चंडीगढ़ प्रशासन ने विधानसभा के भीतर किसी तरह की प्रतिमा लगाने से इनकार कर दिया था। उस समय चंडीगढ़ प्रशासन ने तर्क दिया था कि निजी लोगों की प्रतिमा लगाने का समय अब बदल चुका है। चंडीगढ़ में किसी भी चौक या चौराहे पर कोई प्रतिमा नहीं लगाई गई है।
अब भगवंत मान सरकार द्वारा पारित किए गए प्रस्ताव को जल्द सिरे चढ़ाने की मांग करते हुए कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब सरकार नई है, जिन्हें अभी पंजाब के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन अधिकारियों ने यह तथ्य छिपाए हैं। ऐसे अधिकारियों से जवाब-तलबी करनी चाहिए क्योंकि अधिकारी वही है जिन्होनें पहले भी यह प्रस्ताव चंडीगढ़ को भेजा और खारिज हो गया।