चंडीगढ़, 19 दिसंबर (ट्रिन्यू)
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन की किसान विरोधी सरकार किसानों को खरीफ की फसलों के खराबे का मुआवजा नहीं देना चाहती। प्रदेश में एक लाख से अधिक किसानों की कपास, धान समेत अन्य फसल खराब हुई, लेकिन विशेष गिरदावरी समेत अन्य रिपोर्ट जिलों तक ही अटकी हुई है। मुआवजा न देने के चक्कर में सरकार बहाना बना रही है कि उसके पास अभी तक डीसी कार्यालयों से रिपोर्ट नहीं पहुंची है।
रविवार को चंडीगढ़ से जारी बयान में सैलजा ने कहा कि खरीफ की फसल खराब होने पर 105828 किसानों ने कृषि विभाग में आवेदन कर मुआवजा मांगा है। इनमें वे किसान शामिल हैं, जिनकी फसलें बारिश व ओलावृष्टि से खराब हो गई। इन किसानों की फसल या तो पूरी तरह से चौपट हो गई या फिर उत्पादन कम हुआ है। सैलजा ने कहा कि किसानों के विरोध से बचने के लिए प्रदेश सरकार ने विपक्ष के दबाव में विशेष गिरदावरी के आदेश तो दे दिए, लेकिन इसकी पूरी रिपोर्ट सरकार के पास नहीं पहुंची है।
उन्होंने कहा कि पूरी रिपोर्ट जिलों में अफसरों की टेबल पर पड़ी है। सैलजा ने कहा कि इस बार फसलों में सबसे अधिक नुकसान हिसार, रेवाड़ी सहित कई जिलों में फसलें चौपट हो गईं। इन किसानों को सरकार मुआवजा देने के मूड में नहीं है।