चंडीगढ़, 19 दिसंबर (ट्रिन्यू)
प्रदेश के खिलाड़ियों के बूते देश ही नहीं दुनिया के नक्शे पर पहचान बनाने वाले हरियाणा में खेल सुविधाओं का संकट है। प्रदेश के 9 जिलों में खिलाड़ी ‘भगवान’ भरोसे हैं। इन जिलों में कोच व जूनियर कोच के अधिकांश पद खाली हैं। पलवल और सिरसा जिले में स्थिति यह है कि यहां न तो प्रशिक्षक कार्यरत है और न ही कनिष्ठ प्रशिक्षक की नियुक्ति हुई है। यह स्थिति तब है, जब हरियाणा इस बार 5 से 14 फरवरी तक चलने वाले ‘खेलो इंडिया’ गेम्स की मेजबानी करने जा रहा है।
यह आंकड़ा खुद प्रदेश सरकार ने विधानसभा में रखा है। महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार द्वारा स्थापित किए गए राजीव गांधी खेल परिसरों तथा स्टेडियम की संख्या तथा इसमें नियुक्त प्रशिक्षकों को लेकर जवाब मांगा था। उनके अतारांकित सवाल के जवाब में खेल एवं युवा मामले के राज्यमंत्री सरदार संदीप सिंह के लिखित जवाब में कहा कि प्रदेश में प्रशिक्षकों व कनिष्ठ प्रशिक्षकों के 1084 स्वीकृत पद हैं।
इनमें से 505 पर ही नियुक्तियां हुई हैं। यानी 579 प्रशिक्षक व कनिष्ठ प्रशिक्षक के पद राज्य में खाली पड़े हैं। खेल मंत्री के खुद के गृह जिला कुरुक्षेत्र के अलावा सीएम सिटी करनाल में अधिकांश पदों पर कोच व जूनियन कोच तैनात हैं। अलबत्ता खट्टर सरकार के पहले कार्यकाल में खेल मंत्री रहे अनिल विज के गृह जिला अंबाला में भी अलग-अलग खेलों के लिए सभी 6 पदों पर प्रशिक्षक तैनात हैं।
भिवानी जिलों में भी सभी 10 पदों पर स्टाफ कार्यरत है। चरखी दादरी में 6 पदों में से 4 खाली हैं। फरीदाबाद में कुल तीन पदों में से दो खाली है। केवल फुटबाॅल के लिए कुलदीप कनिष्ठ प्रशिक्षक नियुक्त है। फतेहाबाद में 5 में से 4 पद भरे हुए हैं और गुरुग्राम में सभी पदों पर स्टाफ नियुक्त है। हिसार जिले की स्थिति खराब ही है। यहां अलग-अलग खेलों के कोच के 12 पद स्वीकृत हैं और इनमें से 9 खाली हैं।
झज्जर जिले में विभिन्न खेलों के खिलाड़ियों को ट्रेंड करने के लिए 17 मंजूरशुदा पद हैं, लेकिन 8 पर प्रशिक्षक कार्यरत हैं। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के निर्वाचन जिला जींद में केवल 2 ही प्रशिक्षक कार्यरत हैं, जबकि यहां भी 6 पद खाली हैं। उनके गृह जिला सिरसा की सबसे दयनीय स्थिति है। कुंडू ने खेल स्टेडियम की जर्जर स्थिति को लेकर भी घेरा । खेल मंत्री ने कहा कि विभाग सीमित बजट में खेल स्टेडियमों, परिसरों तथा राजीव गांधी ग्रामीण खेल परिसरों के रखरखाव के लिए मेहनत कर रहा है। जिलों से आने वाली डिमांड के हिसाब से मरम्मत कार्य भी होते हैं।
पलवल और सिरसा में है ही नहीं
करनाल जिला के सभी 7 तथा कुरुक्षेत्र के 5 पदों पर प्रशिक्षक नियुक्त हैं। मेवात में 6 में से एक ही पद खाली है। सिरसा में विभिन्न खेलों के लिए प्रशिक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या 8 हैं और सभी पद खाली हैं। कैथल जिला में 6 में से 5 पद खाली हैं। नारनौल में 5 स्वीकृत पदों में से 4 खाली हैं। यूपी के बृज क्षेत्र से सटे पलवल जिला में एक भी प्रशिक्षक नहीं है। यहां पद भी 4 स्वीकृत हैं। पंचकूला में 3 पदों में से एक खाली है और पानीपत में सभी सात तथा रेवाड़ी में 6 पदों पर प्रशिक्षक व कनिष्ठ प्रशिक्षक नियुक्त हैं। रोहतक में भी प्रशिक्षकों का संकट है। रोहतक जिले में विभिन्न खेलों के लिए 14 स्टेडियम हैं और इनमें से 10 में स्टाफ नहीं है। सोनीपत जिले में 16 पदों में से 14 भरे हुए हैं। यमुनानगर के सभी 6 स्टेडियम में स्टाफ है।
9 जिलों में प्रशिक्षकों की स्थिति
जिला स्टेडियम प्रशिक्षक
रोहतक 14 4
सिरसा 08 0
हिसार 12 3
झज्जर 17 8
जींद 8 2
कैथल 6 1
नारनौल 5 1
पलवल 4 00
फरीदाबाद 3 1
राज्य में स्टेडियम/परिसर 495
जिला स्तरीय खेल स्टेडियम 395
राजीव गांधी खेल परिसर 100