पानीपत, 19 दिसंबर (निस)
टेक्सटाइल नगरी के उद्यमियों ने करीब 6 वर्ष पहले तक चीन से आने वाले मिंक कंबल व 3डी चादर के पानीपत में ही 100 से भी ज्यादा बड़े प्लांट लगाकर चाइना को मात देने का काम किया। कपड़े व कारपेट पर डिजाइन बनाने वाली इलेक्ट्रोनिक जकार्ड मशीनें भी करीब 3 वर्ष पहले पानीपत के उद्यमियों ने यहीं पर बनाना शुरू करके चीन को मात दी। अब टेक्सटाइल मशीनें बनाने वाले उद्यमियों ने कपड़ा बनाने वाली हाई स्पीड की रिपेयर लूम मशीनें पानीपत में ही बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। पानीपत टेक्सटाइल मशीनरी क्लस्टर को मंजूर होने में कुछ टेक्निकल अड़चनों की वजह से कई वर्ष लग गये पर केंद्र सरकार द्वारा 16 नवंबर को इसको मंजूरी दे दी गई है। बता दें कि बहुत अच्छी क्वालिटी व कम लागत पर ज्यादा क्वांटिटी में कपड़ा बनाने के लिये रेपियर लूम मशीनों का प्रयोग होता है। हाई स्पीड की रेपियर लूम मशीनें भारत में कहीं पर नहीं बन रही और बड़े कपड़ा उद्योगपतियों द्वारा अब इनका चीन, ईटली व जर्मनी से आयात किया जाता है।
पानीपत में ही अति आधुनिक टेक्नोलोजी की मशीनें बनाने को लेकर यहां के उद्यमियों ने हार नहीं मानी और उन्होंने कुछ वर्ष पहले पानीपत में ही टेक्सटाइल मशीनरी के लिये केंद्र सरकार के एमएसएमई के माध्यम से कलस्टर बनाने का संकल्प लिया।
इसके लिये मशीनें बनाने वाले उद्यमियों ने मिलकर पानीपत के औद्योगिक सेक्टर 25 पार्ट टू में करोड़ों की लागत से क्लस्टर के लिये करीब 2200 वर्ग मीटर का प्लाट खरीदा और उस पर बिल्डिंग भी बना दी। मशीनरी क्लस्टर के बनने से पानीपत के उद्यमी हाई स्पीड की रेपियर लूम मशीनें सहित अन्य अति आधुनिक टेक्नोलोजी की मशीनें यहीं पर बना सकेंगे।
इस क्लस्टर के पास होने पर हरियाणा सरकार द्वारा बिल्डिंग बनाने के लिये 1.5 करोड़ और केंद्र सरकार द्वारा इस क्लस्टर में मशीनरी लगाने व टेस्टिंग लैब के लिये 12 करोड़ रुपये दिये जाएगे।
पानीपत टेक्सटाइल मशीनरी क्लस्टर की देखरेख के लिये मशीनें बनाने वाले उद्यमियों ने मिलकर 5 डायरेक्टरों की नियुक्ति की है। जिनमें फ्रेंड्स इंजीनियरिंग के सुखबीर सिंह मलिक, धामू डी टैक्स इंजीनियरिंग के सतबीर जांगड़ा, दुर्गा इंजीनियरिंग के संदीप, श्याम सिंह व राजेंद्र राठी उद्यमी शामिल हैं।
क्लस्टर की मदद से बनायेंगे मशीनें : सुखबीर मलिक
पानीपत टेक्सटाइल मशीनरी क्लस्टर के डायरेक्टर सुखबीर सिंह मलिक व सतबीर जांगड़ा ने बताया कि केंद्र सरकार ने पानीपत के मशीनरी कलस्टर को हाल ही में मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि इस कलस्टर की मदद से वे अब पानीपत में ही जर्मनी, ईटली व चीन से आने वाली हाई स्पीड रेपियर लूम मशीनें यहीं पर बनाना शुरू कर देंगे।
एमएसएमई डायरेक्टर बोले…
एमएसएमई करनाल कार्यालय के डायरेक्टर संजीव चावला व एडिशनल डायरेक्टर संदीप सैनी ने बताया कि पानीपत टेक्सटाइल मशीनरी क्लस्टर को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल चुकी है और हरियाणा सरकार से भी बहुत जल्द मंजूरी मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि इस क्लस्टर की मदद से पानीपत में टेक्सटाइल मशीनें बनाने वाले उद्यमी आधुनिक टेक्नोलोजी की मशीनें यहीं पर बना सकेंगे।