हिसार, 23 नवंबर (निस)
धांसू गांव में स्वरोजगार क्यों और कैसे विषय पर आयोजित सेमिनार में युवाओं व युवतियों को संबोधित करते हुए एसोसिएट प्रो. डॉ. रमेश आर्य ने कहा कि आज देश के सामने विकास के लिए एक आखरी रास्ता बचा है और वह है सेल्फ एंप्लॉयमेंट का, स्वरोजगार का। जिसके लिए सबसे पहले अपने कौशल को बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग लेने की आवश्यकता है, यह ट्रेनिंग आरसेटी द्वारा मुफ्त में प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि आरसेटी में रहने और खाने का प्रबंध भी मुफ्त में किया जाता है और फिर सर्टिफिकेट प्रदान किए जाते हैं, जिनकी पूरे भारत में मान्यता रहती है । इसके उपरांत जरूरत के हिसाब से 10 लाख रुपए तक का लोन तो बिना गारंटी दिया जाता है। उन्होंने युवाओं से कहा कि आप को रोजगार देने वाला बनना है न कि रोजगार लेने वाला। आपको मालिक बनना है न कि नौकर।