हरीश भारद्वाज/हप्र
रोहतक, 17 दिसंबर
कृषि बिलों को लेकर भाजपा की मुश्किलें ओर बढती नजर आ रही हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता व सर छोटूराम के नाती बीरेन्द्र सिंह भी किसानों की मांगों के समर्थन में आ गए हैं। बीरेन्द्र सिंह 18 दिसंबर को छोटूराम विचार मंच के बैनर तले किसानों की मांगों के समर्थन में सांपला स्थित छोटूराम संग्रहालय में दिये जाने वाले धरने में शामिल होंगे। यह निर्णय गुरूवार को स्थानीय छोटूराम चौक के नजदीक स्थित नीली कोठी में हुई मंच की बैठक में लिया गया। इस बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भी मौजूद रहे। बाद में बीरेंद्र सिंह ने कहा कि भविष्य में वे सिर्फ किसानों की ही राजनीति करेंगे। बीरेन्द्र सिंह के निर्णय के बाद देश व प्रदेश की राजनीति में हडकंप मच गया है। चर्चा यह भी है कि बीरेन्द्र सिंह शुक्रवार को कोई बडा राजनैतिक निर्णय भी ले सकते हैं।
नीली कोठी में हुई मंच की बैठक में किसान आंदोलन और तीनों कृषि कानूनों के बारे में सकारात्मक परिणाम निकालने के लिए विचार-विमर्श किया गया। अंत में किसान और कमेरा वर्ग की मांगों के लिए कोई भी निर्णय लेने के लिए बीरेंद्र सिंह को अधिकृत किया गया। बाद में बीरेंद्र सिंह ने कहा कि भविष्य में वे सिर्फ किसानों की ही राजनीति करेंगे। इसके अलावा तय हुआ कि 18 दिसंबर को किसानों की मांगों के समर्थन में सांपला स्थित छोटूराम संग्रहालय में सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक धरना दिया जाएगा। जिसमें छोटूराम की विचारधारा को मानने वाले लोग शामिल होंगे। बैठक में प्रमुख तौर पर गुहला चीका के पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर, सफीदों के पूर्व विधायक रामकिशन बैरागी, हांसी के पूर्व विधायक अतर सिंह सैनी, कलायत के पूर्व विधायक जोगीराम, एचपीएससी के पूर्व चेयरमैन गुरमेश बिश्नोई, छोटूराम विचार मंच के अध्यक्ष चांद सिंह, किसान नेता कलाधारी, सोमबीर पहलवान, विजय कौशिक, संजय राठी, दीपक मलिक, अमित काजल, राज सिंह हुड्डा, सज्जन चेयरमैन, जंगशेर कादियानए विक्रम ओहल्याण, प्रदीप कौशिक, राजकुमार शर्मा व रज्जू अहलावत आदि मौजूद रहे।
कुंडली बार्डर किसानों के लिए जानलेवा हो रही ठंड
सोनीपत, 17 दिसंबर (हप्र)
तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए किसान पिछले 20 दिनों से नेशनल हाइवे 44 पर कुंडली बार्डर पर डटे किसानों के लिए ठंड जानलेवा हो गई है। पिछले तीन दिनों से लगातार किसानों की हार्ट अटैक से मौत हो रही है, तो 800 के करीब रोजाना किसान बीमार हो रहे हैं। सबसे बड़ी चिंता इस बात है कि किसान परिवार के साथ यहां आए हुए हैं। इनमें बुजुर्गों के साथ-साथ बच्चों की संख्या भी काफी है और तीन दिन से लगातार पारा गिर रहा है। पारा गिरने से हाल यह है कि किसानों के लिए कडाके की ठंड अब जानलेवा साबित होने लगी है। कुंडली बार्डर पर किसानों ने धरना शुरू किया था, तो उस समय अधिकतम तापमान 27 व न्यूनतम 11 डिग्री सेल्सियस था। वहीं, अब अधिकतम तापमान 17 व न्यूनतम चार डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। ऐसे मौसम में बुजुर्ग और बच्चों को डाक्टर घर से बाहर नहीं रहने की सलाह देते हैं। जबकि बार्डर पर किसान सड़क पर ही रहते है।
प्रशासन रखे हुए है निगरानी : इधर, इस बारे में डीसी सोनीपत श्यामलाल पूनिया का कहना है कि कुंडली बॉर्डर पर किसानों के लिए प्रशासन ने काफी व्यवस्थाएं की हुई हैं। उनकी जांच कराई जा रही है तो दवाई भी वितरित कराई जा रही है। किसी तरह की बीमारी होने पर तुरंत जांच करानी चाहिए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमों को लगाया हुआ है।