भिवानी, 9 जनवरी (हप्र)
बहल के गोकलपुरा मोड़ से ओबरा तक निकली ट्रैक्टर रैली क्षेत्र के 12 गांवों से होकर गुजरी। चार सौ ट्रैक्टरों के विशाल काफिले में शामिल किसानों ने हिसार-बहल-भिवानी मार्ग पर करीब एक घंटे तक नारेबाजी की। किसानों ने कहा कि अगर कृषि कानून वापस नहीं लिए गए तो यह काफिला यूं का यूं 26 जनवरी को दिल्ली में होने वाली किसान ट्रैक्टर क्रांति यात्रा में शामिल होगा। ट्रैक्टर यात्रा बहल से सुरपुरा खुर्द, सुरपुरा कलां, मंढ़ोली खुर्द, मंढ़ोली कलां, हरियावास, गोपालवास, सिधनवा गांव से होती हुई ओबरा चौक पर पहुंची। ओबरा चौक पर किसानों को संबोधित करते हुए संयोजक सदानंद सरस्वती, किसान सभा के जिला प्रधान करतार ग्रेवाल, सचिव डॉ. बलबीर सिंह ठाकन ने कहा कि किसान और खेती को बचाने के लिए तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाना जरूरी है। किसान ट्रैक्टर क्रांति यात्रा के ओबरा चौक पर समापन के बाद किसानों ने सर छोटूराम की पुण्यतिथि पर उनको नमन किया और प्रशासन को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन दिया। वहीं, अखिल भारतीय किसान सभा कैरू के ब्लॉक प्रधान छोटूराम पूनिया की अध्यक्षता में देवराला के मुख्य चौक पर धरना दिया। इसके बाद किसानों ने एक ट्रैक्टर रैली गांव देवराला, इंदिवाली व लाडियावाली में निकाली।
उधर, चौधरी छोटूराम की पुण्यतिथि पर कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के धरने पर कार्यक्रम का आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर किसानों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों का उत्थान करने वाले चौधरी छोटूराम से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शासक का काम पूंजीपतियों के पोषण और जनता के शोषण का नहीं है। चौधरी छोटूराम ने किसानों की भलाई के लिए अनेक काम किये उनके ठीक विपरीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवल अपने चहेतों की पौ बारह करने पर जुटे हैं। धरनास्थल पर चौधरी छोटूराम के साथ राजा नाहर सिंह के बलिदान दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
प्रत्येक गांव से जाएंगे जत्थे
बाढड़ा (निस) : तीन कानूनों के विरोध में दिल्ली में चल रहे आंदोलन को सहयोग देने के लिए श्योराण खाप के प्रत्येक गांव से ग्रामीणों का जत्था प्रतिदिन दूध, खाद्य सामग्री लेकर पहुंचे। आंदोलन अपने चरम पर है और सबको तन मन धन से आहुति देना जरुरी है। यह बात श्योराण खाप पच्चीस अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह बेरला ने खाप के सरपंच व नंबरदारों को दिल्ली किसान आंदोलन की जिम्मेदारी देते हुए कही। उन्होंने कहा कि तीनों कानून लागू किए गए किसान कंपनियों के श्रमिक बनकर रह जाएंगे। वहीं, भाकियू पदाधिकारियों ने क्षेत्र के विभिन्न गांवों में जन संपर्क अभियान चलाकर लोगों को कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में चल रहा किसान आंदोलन में ज्यादा से ज्यादा संख्या में सहयोग की अपील की। भाकियू जिलाअध्यक्ष धर्मपाल बाढडा व महासचिव हरपाल भांडवा की अगुवाई में किसान नेताओं ने लाड, नांधा, धनासरी, भांडवा, हंसावास कलां, हंसावास खुर्द गांवों में पहुंचकर दिल्ली में चल रहे आंदोलनों पर सहयोग की अपील की।
किसान आंदोलन के बारे में किया जागरूक
नूंह/मेवात (निस) : संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान 6 जनवरी से 20 जनवरी तक जागरूकता अभियान पखवाड़ा के तहत सर छोटूराम की पुण्य तिथि पर किसानों ने सांकेतिक ट्रैक्टर मार्च निकाला। इस अवसर पर लोगों को किसान आन्दोलन के बारे में जागरूक किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि कृषि कानूनों को रद्द करना ही उनकी एकमात्र मांग है और उसे मानना ही होगा। ट्रैक्टर मार्च नोगांव बॉर्डर से शुरू हुआ और फिरोजपुर झिरका होते हुए बडकली चौक पर खत्म हुआ।
जब तक कानून रद्द नहीं होता तब तक हाेगा आंदोलन
जींद (हप्र) : किसानों ने ट्रैक्टरों के साथ एनएच-352, हिसार रोड, कैथल रोड, भिवानी रोड की ओर से शहर में प्रवेश किया और शहर की सड़कों पर ट्रैक्टर रैली निकाली। इस रैली का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष फूल सिंह श्योकंद ने किया और कहा कि सरकार किसानों के धैर्य की चाहे कितनी ही परीक्षा ले ले, लेकिन जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। किसानों की ट्रैक्टर रैली का जनता ने शानदार स्वागत किया और रैली में शामिल किसानों को दूध, फल बांटे। ट्रैक्टर रैली का समापन खटक टोल पर सर छोटू राम की मूर्ति पर पुष्प अर्पित करके किया।