रोहतक, 8 अप्रैल (हप्र)
महम तहसील परिसर में बैठे टाइपिस्ट, वसीका नवीस व स्टांप वेंडर पिछले कई माह से सरकारी खजाने को चूना लगा रहे हैं। डीसी द्वारा पत्र जारी किए जाने के बाद भी किसी ने निर्धारित किराया तहसील खजाने में जमा नहीं किया है। डीसी रोहतक ने 28 जनवरी 2020 को पत्र लिखकर महम एसडीएम व तहसीलदार को आदेश जारी किए थे कि तहसील परिसर में जो कोई वसीका नवीस, स्टांप वेंडर, टाइपिस्ट बैठे उससे हर माह किराया वसूला जाए।
डीसी द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि 10×6 वर्ग फुट जगह के लिए 1000 रुपए, 10×8 के लिए 2000, 10×8 से अधिक के लिए 5000 तथा ओपन एरिया या बाहर बरामदे में बैठने वालों से 500 रुपए प्रति माह किराया लिया जाए। उन्होंने हर साल इसमें 5% बढ़ोतरी करने की बात भी कही है। डीसी ने साफ शब्दों में लिखा है कि जो महीने की 10 तारीख तक किराया जमा नहीं कराता तो उसका खोखा या चैम्बर बंद कर दिया जाए। पत्र जारी हुए 15 माह का समय बीत चुका है लेकिन सरकार के खजाने में अभी तक एक रुपया भी जमा नहीं हो सका है।
वसूल रहे मनमानी फीस
तहसील में बैठे वसीका नवीसए टाइपिस्ट आदि ने सरकारी कामकाज करने के लिए वसूली जाने वाली सरकार द्वारा निर्धारित फीस का बोर्ड-चार्ट भी कहीं नहीं लगाया हुआ। ऐसे में यहां आने वाले लोगों से मनमानी फीस मांगी जा रही है जिससे लोग परेशान हैं। लोगों का कहना है कि वसीका नवीस थोड़ा सा लिखने के बाद एक से दो हजार तक रुपए ले लेते हैं। महम तहसील में एसडीएम, तहसीलदार से लेकर अन्य विभागों के अधिकारी भी बैठते हैं लेकिन मामले को लेकर कभी भी किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की।
ये बोले अधिकारी
एसडीएम कार्यालय के असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट रजिस्ट्रार, एएसआर बिजेंद्र दांगी ने बताया कि डीसी द्वारा जारी किए गए पत्र को 31 जनवरी 2020 को महम तहसीलदार के पास भेज दिया गया था। किसी टाइपिस्ट के पास रजिस्ट्रेशन नहीं है तथा किसी ने भी किराया जमा नहीं कराया। इससे सरकार को नुकसान हो रहा है। नायब तहसीलदार राजकुमार शर्मा ने बताया कि मामला फिलहाल उनके संज्ञान में आया है। सभी को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया जाएगा।