नयी दिल्ली, 11 जनवरी (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण आदेश देते हुए आपराधिक मामले में ‘कमजोर गवाह’ की परिभाषा के दायरे का विस्तार किया। इस श्रेणी में पहले 18 साल से कम उम्र का किशोर व बच्चा शामिल था। इसे विस्तारित करके इसमें उम्र और लिंग से परे यौन उत्पीड़न के शिकार और मानसिक बीमारी से पीड़ित गवाह भी शामिल किये गये हैं। शीर्ष अदालत ने बोल पाने या सुनने में असमर्थ व्यक्ति, अन्य दिव्यांगता से पीड़ित व्यक्ति या अन्य गवाह (जिसे सक्षम अदालत कमजोर मानता है) को शामिल करने के लिए परिभाषा का विस्तार किया है।