अम्बाला, 6 अक्तूबर (निस)
जिले की सभी 13 अनाज मंडियों में धान का उठान न होने से किसानों और आढ़तियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालातों में कोई सुधार नहीं आ सका है। मंडियों की हालत यह है कि मंडियों में पांव रखने तक की भी जगह नहीं है। मंडियों में हर जगह धान बिखरा पड़ा है। आढ़तियों का कहना है कि अनाज मंडी में जहां एक ओर हजारों क्विंटल धान की खरीद हो चुकी है, लेकिन अभी तक उठान शुरू नहीं हुआ। इतना ही नहीं जे-फार्म काटने की समस्या भी सामने आ रही है।
दूसरी ओर मिलर्स ने चावल की मिलिंग करने से भी इनकार कर दिया। भारतीय खाद्य निगम ने सरकार की नई पालिसी के तहत जो निर्देश जारी किए हैं, वह मिलर्स को मान्य नहीं हैं। हालांकि निगम पुराने मापदंड पर काम करने को कह रहा है, लेकिन राइस मिलर्स सरकार से लिखित आश्वासन मांग रहे हैं। माना जा रहा है कि यदि जल्द ही कोई निर्णय नहीं निकला, तो मंडी में हालात बिगड़ सकते हैं।
एसडीएम ने किया मंडी का दौरा
अंबाला छावनी के एसडीएम ने भी अनाज मंडी का दौरा किया और वहां पर व्यवस्थाओं का जायजा लिया था और वहां पर संबंधित अधिकारियों को आदेश भी दिए थे। इसके बाद भी मंडियों में धान का उठान न होने के कारण आढ़तियों के लिए एक नई समस्या बन रही है।
10900 मीट्रिक टन धान की खरीद
पंचकूला (ट्रिन्यू) : उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने बताया कि खरीफ सीजन 2021-22 में 5 अक्तूबर तक जिला की 3 अनाज मंडियों में सरकारी खरीद एजंसियों द्वारा 10900 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि कल 5 अक्तूबर तक पंचकूला स्थित अनाज मंडी में हरियाणा वेयरहाउसिंग काॅर्पोरेशन द्वारा 160 मीट्रिक टन तथा हैफेड द्वारा 600 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई जबकि बरवाला अनाज मंडी में हरियाणा वेयरहासिंग कार्पोरेशन द्वारा 2700 मीट्रिक टन व हैफेड द्वारा 3450 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई। उन्होंने बताया कि रायपुररानी स्थित अनाज मंडी में हरियाणा वेयरहाउसिंग काॅर्पोरेशन द्वारा 1200 मीट्रिक टन तथा हैफेड द्वारा 2790 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है।