हरीश लखेड़ा/ ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 17 दिसंबर
केंद्र सरकार और भाजपा ने नये कृषि कानूनों को लेकर किसानों को समझाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। दिल्ली की सीमाओं पर जमे किसानों के आंदोलन का जवाब सियासी तरीके से देने के लिए भाजपा ने बृहस्पतिवार को मंथन किया। भाजपा मुख्यालय में हुई इस बैठक में पार्टी पदाधिकारियों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल हुए। कोरोना के कारण पृथकवास में रह रहे पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा वर्चुअल तरीके से शामिल हुए। इसमें कृषि कानूनों को लेकर किसानों का ‘भ्रम’ दूर करने के लिए पार्टी पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गयी।
इधर, केंद्र सरकार ने ‘अन्नदाता को समर्पित मोदी सरकार’ और ‘प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार का सिखों के साथ विशेष संबंध’ दो बुकलेट जारी की। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी 96 पेज की ‘अन्नदाता को समर्पित मोदी सरकार’ बुकलेट में मोदी सरकार के पिछले 6 साल के दौरान कृषि क्षेत्र में किए कार्यों का उल्लेख किया गया है। कृषि कानूनों के फायदे गिनाते हुए कहा गया है कि एमएसपी व मंडी रहेगी। किसान कहीं भी अपनी फसल बेच सकेगा। फसल उगाने से पहले किसान उसकी कीमत तय कर सकेगा। समय पर भुगतान नहीं करने पर खरीदार को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। रोजगार भी मिलेगा। इसी तरह इसमें यह बात भी प्रमुखता से कही गई है कि कृषि कानूनों से क्या नहीं होगा। मसलन, एमएसपी और मंडियां बंद नहीं होंगी। कोई भी किसानों की जमीन नहीं ले सकेगा। किसानों की जमीन में खरीदार कोई बदलाव नहीं कर पाएगा। पूरा भुगतान किए बिना खरीदार समझौता समाप्त नहीं कर सकेगा। दूसरी बुकलेट में करतारपुर गलियारे से लेकर सिख सुमदाय के लिए मोदी सरकार के किए विभिन्न कार्यों का उल्लेख किया गया है।
नयी दिल्ली : दिल्ली विधानसभा ने बृहस्पतिवार को केंद्र के 3 नये कृषि कानूनों के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया। इस दौरान, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीनों कानूनों की प्रतियों को फाड़ते हुए कहा कि वह देश के किसानों के साथ छल नहीं कर सकते। विधानसभा में मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कानूनों को ‘भाजपा के चुनावी ‘फंडिंग’ के लिए बनाया गया है और यह किसानों के लिए नहीं है।’ प्रतियों को फाड़ते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ऐसा करते हुए बहुत दुख हो रहा है। मैं ऐसा नहीं करना चाहता था लेकिन मैं देश के किसानों के साथ छल नहीं कर सकता…जो ठंड में सड़कों पर सो रहे हैं..जब तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।’ बाद में आप के विधायकों ने भी विधानसभा परिसर में कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ीं।
तोमर का किसानों के नाम पत्र
नयी दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को किसानों के नाम लिखे एक पत्र में किसानों से आग्रह किया कि वे ‘राजनीतिक स्वार्थ’ के लिए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ फैलाये जा रहे भ्रम से बचें। पत्र में तोमर ने दावा किया कि ये 3 कृषि सुधार कानून भारतीय कृषि में नये अध्याय की नींव बनेंगे, किसानों को और स्वतंत्र तथा सशक्त करेंगे। ‘देश के अलग-अलग क्षेत्रों से ऐसे किसानों के उदाहरण भी लगातार मिल रहे हैं, जिन्होंने नए कानूनों का लाभ उठाना शुरू भी कर दिया है।’ तोमर ने कहा कि नये कानून लागू होने के बाद इस बार खरीद के लिए पिछले रिकॉर्ड टूट गए हैं। सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के नए रिकॉर्ड बनाए हैं और वह खरीद केंद्रों की संख्या भी बढ़ा रही है। ‘लेकिन कुछ लोग किसानों से झूठ बोल रहे हैं कि एमएसपी बंद कर दी जाएगी।’