दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 8 जुलाई
हरियाणा में भाजपा का संगठन अब मंत्रालयों से भी पावरफुल नजर आएगा। पार्टी वर्करों एवं आम लोगों की सुनवाई तथा केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को ग्राउंड पर उतारने के लिए नया फार्मूला तय किया है। प्रदेश के हर जिलों में को-ऑर्डिनेटर नियुक्त होंगे। ये को-ऑडिनेटर विभाग एवं योजनावार होंगे। ये लोगों की समस्याएं सुनेंगे और सरकार के साथ तालमेल कर उन्हें सिरे चढ़वाएंगे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सहमति के बाद यह निर्णय लिया गया है। बुधवार को चंडीगढ़ में भाजपा विधायक दल की बैठक से पहले दिग्गज नेताओं की बैठक में इस बाबत बातचीत हुई। बैठक में सीएम के अलावा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, संगठन महामंत्री रविंद्र राजू तथा तीनों महामंत्री एडवोकेट वेदपाल, मोहनलाल बड़ौली व पवन सैनी सहित कुछ अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बैठक में इस फार्मूले को लेकर रणनीति तय की गई।
सीएम मनोहर लाल खट्टर अपने पहले व दूसरे कार्यकाल में अब तक कई नयी योजनाओं का ऐलान कर चुके हैं। कोरोना से प्रभावित परिवारों व वर्गों के लिए भी सीएम ने आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। गांवों को लाल डोरा मुक्त करने के लिए ‘स्वामित्व योजना’ पर काम चल रहा है। शहरी स्थानीय निकायों की प्रॉपर्टी पर बैठे किरायेदारों को मालिकाना हक देने के लिए ‘मुख्यमंत्री निकाय स्वामित्व योजना’ लागू की है। इसके अलावा ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’, ‘सूक्ष्म सिंचाई’, ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ के अलावा कई अन्य योजनाएं चल रही हैं। बुढ़ापा, विधवा व दिव्यांग, पेंशन, युवाओं के ड्राइविंग लाइसेंस, फसल बीमा योजना, कॉलेज-यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों के लिए पासपोर्ट योजना, एजुकेशन लोन के अलावा योजनाएं हैं, जिनमें को-ऑर्डिनेटर अहम भूमिका निभाएंगे।
संगठन कर रहा योजनाओं की पहचान
भाजपा संगठन ने आम लोगों से जुड़े विभागों व योजनाओं को चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया है। सरकार से सभी विभागों की योजनाओं का ब्योरा तलब किया जा चुका है। इनमें से उन योजनाओं पर फोकस रहेगा, जो सीधे तौर पर आम लोगों से जुड़ी हैं। विभाग व योजनावार ही पार्टी की ओर से हर जिले में को-ऑर्डिनेटर नियुक्त होंगे। शुरुआत में 8 से 10 को-ऑर्डिनेटर होंगे। बाद में एक जिले में इनकी संख्या 2 दर्जन या इससे अधिक हो सकती है।
नियुक्ति के बाद होगी विभागों में ट्रेनिंग
को-ऑर्डिनेटर की ट्रेनिंग भी करवाई जाएगी। सरकार के विभिन्न विभागों के कामकाज के अलावा उनकी योजनाओं और नियमों के बारे में उन्हें बताया जाएगा। ऐसे में कार्यों में किसी तरह की बाधा नहीं आएगी।
कम होगा विधायकों का वर्कलोड
को-ऑर्डिनेटर नियुक्त होने के बाद विधायकों का वर्कलोड कम होगा। लोगों को शिकायतों एवं समस्याओं के लिए एक नया चैनल मिलेगा। बुढ्ापा पेंशन जैसी समस्याएं भी को-ऑर्डिनेटर स्तर पर देखी जा सकेंगी
प्रदेश स्तर पर भी मॉनिटरिंग
प्रदेश स्तर पर भी मॉनिटरिंग का काम होगा। आम लोगों के कार्यों को करवाने में अगर को-ऑर्डिनेटर किसी वजह से कामयाब नहीं हो पाते तो वे प्रदेश स्तर के कोऑर्डिनेटर से संपर्क करेंगे। भाजपा के विभिन्न विभागों, सेल, मोर्चों एवं प्रकोष्ठों के पदाधिकारी नियुक्त किए हुए हैं। इनमें से ही प्रदेश स्तर पर को-ऑर्डिनेटर तय होंगे। जरूरत पड़ने पर लोगों के कामों के लिए स्टेट कोऑर्डिनेटर संबंधित विभाग के मंत्री से बात करेंगे।
लाइसेंस और पासपोर्ट के लिए लगाए जाएंगे कैंप
प्रदेश में युवाओं के लाइसेंस व पासपोर्ट के लिए कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में विशेष कैंप लगाए जाएंगे। सरकार यह पहले ही तय कर चुकी हैं
कि कॉलेज एवं विवि कैंपस में ही विद्यार्थियों के पासपोर्ट बनवाएगी, जिससे युवाओं को रोड सेफ्टी नियमों से अवगत करवाया जा सके। इसी तरह से हायर एजुकेशन के लिए विद्यार्थियों को स्टडी लोन दिलवाने में कोऑर्डिनेटर मध्यस्ता करेंगे ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई में किसी तरह की रुकावट न आए।