नयी दिल्ली, 8 अप्रैल (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को झटका देते हुए बृहस्पतिवार को उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया जिनमें मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों की सीबीआई जांच के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। देशमुख पर भ्रष्टाचार और कदाचार के सिंह के आरोपों पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआई को मामले में प्रारंभिक जांच करने का आदेश दिया था। न्यायालय ने कहा, ‘इसमें शामिल लोगों, आरोपों की प्रकृति और गंभीरता को देखते हुए प्रकरण की किसी ‘स्वतंत्र एजेंसी’ से जांच कराए जाने की आवश्यकता है। यह लोक विश्वास का मामला है।’ न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा, ‘हम सीबीआई को प्रारंभिक जांच का निर्देश देने के हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं।’
देशमुख के वकील ने कहा कि बिना किसी सबूत के मौखिक आरोप लगाए गए और उनके मुवक्किल को सुने बिना सीबीआई जांच का आदेश दे दिया गया। न्यायालय ने इस पर कहा कि जब एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा एक वरिष्ठ मंत्री के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं तो यह केवल एक प्रारंभिक जांच है, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। पीठ ने कहा कि मामले से दो लोग-पुलिस आयुक्त और गृह मंत्री जुड़े थे, जो अलग होने से पहले एक साथ काम कर रहे थे।