चंडीगढ़, 24 अगस्त (एजेंसी)
पंजाब के चार कैबिनेट मंत्रियों और कांग्रेस के कई विधायकों ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करते हुए कहा कि उन्हें सिंह पर ‘विश्वास’ नहीं है क्योंकि उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले किए गए वादों को पूरा नहीं किया है। चार मंत्रियों तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा और चरणजीत सिंह चन्नी और लगभग 24 विधायकों ने मंगलवार को यहां बाजवा के आवास पर मुलाकात की। बाजवा ने कहा कि वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने और राज्य की राजनीतिक स्थिति से उन्हें अवगत कराने के लिए समय मांगेंगे। उन्होंने कहा कि ‘कड़े’ कदम उठाने की जरूरत है और अगर मुख्यमंत्री को बदलने की जरूरत है, तो यह किया जाना चाहिए। बैठक के बाद, चन्नी ने मीडिया से कहा कि कई विधायक और मंत्री एकत्रित हुए और उन वादों को लेकर चिंता व्यक्त की, जिन्हें पूरा नहीं किया गया है। इनमें 2015 में धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी के मामलों में न्याय में देरी, ड्रग्स रैकेट में शामिल बड़े लोगों को पकड़ना और बिजली खरीद समझौतों को रद्द करना शामिल है। उन्होंने कहा कि बाजवा, सरकारिया, रंधावा और पंजाब कांग्रेस महासचिव परगट सिंह पार्टी आलाकमान से मुलाकात करेंगे। ये पांचों अमरेंद्र सिंह के विरोधी माने जाते हैं। हालांकि, सिद्धू बैठक में मौजूद नहीं थे। चन्नी ने कहा, ‘हमारे मुद्दे हल नहीं हो रहे हैं। हमें अब विश्वास नहीं है कि इन मुद्दों का समाधान किया जायेगा।’ उन्होंने कहा कि कोटकपूरा पुलिस गोलीबारी की घटना में एसआईटी द्वारा पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल से पूछताछ के बाद कुछ नहीं हुआ। चन्नी ने कहा, ‘आज स्थिति ऐसी है कि मुख्यमंत्री के साथ हमारे मुद्दों का समाधान नहीं हो रहा है और इसलिए हम पार्टी आलाकमान से मिलने जा रहे हैं।’ यह पूछे जाने पर कि क्या मुख्यमंत्री को हटाने का प्रयास किया जा रहा है, बाजवा ने कहा कि यह प्रयास नहीं बल्कि लोगों की मांग है। मुख्यमंत्री के नए चेहरे पर एक सवाल के जवाब में बाजवा ने कहा कि फैसला पार्टी आलाकमान द्वारा लिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि पंजाब में एक धारणा बन गई है कि अमरेंद्र और अकाली दल की एक-दूसरे के साथ ‘मिलीभगत’ है और इसने कांग्रेस की प्रतिष्ठा को ‘ठेस’ पहुंचायी है।
पंजाब में गन्ने का समर्थन मूल्य 360 हुआ
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 360 करने का ऐलान किया है। किसाने नेताओं के साथ बैठक के बाद सीएम ने इसकी घोषणा की। इसी के साथ किसानों का पांच दिन से चला आ रहा आंदोलन भी खत्म करने की घोषणा कर दी। किसानों की बैठक से पहले कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को कहा कि गन्ना किसानों की मांगों के अनुरूप गन्ने की कीमतें तत्काल बढ़ाई जानी चाहिए। सिद्धू ने यह भी कहा कि गन्ने का राज्य समर्थन मूल्य (एसएपी) वर्ष 2018 से नहीं बढ़ाया गया है जबकि इसका लागत मूल्य 30 प्रतिशत तक बढ़ गया है। मुख्यमंत्री गन्ने की कीमतों और बकाए के भुगतान पर किसान नेताओं से मंगलवार को मुलाकात करने वाले हैं। अपनी मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन मंगलवार को पांचवे दिन भी जारी है और इन प्रदर्शनों से रेल सेवाएं तथा सड़क यातायात प्रभावित हुआ है।