पणजी, 10 जनवरी (एजेंसी)
गोवा के मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक माइकल लोबो तथा पार्टी के एक अन्य विधायक प्रवीण जान्त्ये ने अगले महीने होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले सोमवार को पार्टी और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। भाजपा की गोवा इकाई ने बाद में कहा कि इस तरह के कदमों से 14 फरवरी को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
कलंगुट विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे और राज्य बंदरगाह तथा अपशिष्ट प्रबंधन विभागों का प्रभार संभाल रहे लोबो ने आज सुबह अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) एवं गोवा विधानसभा के अध्यक्ष को भेज दिया। सूत्रों के अनुसार, वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने बाद में संवाददाताओं से कहा, “मैंने दोनों पद से इस्तीफा दे दिया है। मैं देखूंगा कि आगे मुझे क्या कदम उठाने हैं। मैंने भाजपा से भी इस्तीफा दे दिया है।” कांग्रेस में शामिल होने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर लोबो ने कहा कि उनकी अन्य राजनीतिक दलों से बातचीत चल रही है। उन्होंने दावा किया कि लोग इस तटीय राज्य में भाजपा के शासन से नाखुश हैं। उन्होंने कहा, “मतदाताओं ने मुझसे कहा कि भाजपा अब आम लोगों की पार्टी नहीं रही।” कुछ ही घंटे बाद माइम से विधायक जान्त्ये ने भी भाजपा और राज्य विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के कहने पर भाजपा में शामिल हुए थे और पर्रिकर के निधन के बाद उन्हें पार्टी में दरकिनार कर दिया गया था। भारत के निर्वाचन आयोग ने शनिवार को घोषणा की कि गोवा विधानसभा की सभी 40 विधानसभा सीटों पर चुनाव 14 फरवरी को होंगे। गोवा में इस बार मुकाबला प्रमुख रूप से भाजपा, कांग्रेस, गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी), महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी), आम आदमी पार्टी (आप), तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बीच है। पिछले विधानसभा चुनाव में गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन पूर्ण बहुमत से दूर रह गयी और सरकार बनाने में विफल रही। तब भाजपा ने कुछ क्षेत्रीय दलों और निर्दलियों के साथ साझेदारी से सरकार बनाई थी। इस समय राज्य में कांग्रेस के केवल दो विधायक हैं।