जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 5 अक्तूबर
पंजाब विश्वविद्यालय के ब्वॉयज हॉस्टल नंबर-3 में रह रहे केमिकल इंजीनियरिंग के चौथे साल के एक छात्र प्रियांशु राज को अपने हॉस्टल के कमरे में अवैध रूप से गेस्ट ठहराने और कोविड-19 की मानक प्रक्रिया का लगातार उल्लंघन करने पर कमरा खाली कराकर हॉस्टल से निकाल दिया गया है। पीयू प्रशासन की इस कार्रवाई के विरोध में प्रियांशु राज अपने तीन अन्य साथियों के साथ कुलपति आवास के बाहर धरने पर बैठ गया है। प्रियांशु का कहना है कि जब तक रूम अलाटमेंट
बहाल नहीं हो जाती, वे यहां से नहीं हटेंगे।
हॉस्टल से निकाले गये छात्र का आरोप है कि वार्डन डॉ. जेएस सहरावत ने पुलिस व सिक्योरिटी बुलाकर उनका सामान बाहर निकाल दिया और रूम अलाटमेंट कैंसिल कर दी। पीड़ित छात्र ने कुलपति प्रो. राजकुमार को इस संबंध में एक पत्र लिखा है और वार्डन जेएस सहरावत पर मानसिक प्रताड़ना के भी आरोप लगाये हैं। प्रियांशु ने कुलपति को लिखे पत्र में इस बात से इनकार किया कि उसने कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है। साथ ही कहा है कि उसने वार्डन या किसी अन्य के साथ कोई बदतमीजी नहीं की है। उन्होंने पीयू प्रशासन द्वारा गठित की गयी कमेटी पर भी सवाल उठाया कि उसमें कोई भी छात्र प्रतिनिधि शामिल नहीं था।
इधर, वार्डन प्रो. जेएस सहरावत का कहना है कि प्रियांशु को कई बार समझाया गया, चेतावनी भी दी गयी कि बाहरी लोग कमरे पर न आयें लेकिन उसने लगातार इसकी अनदेखी की। इसी के बाद 26 सितंबर को डीएसडब्ल्यू ने सात वार्डनों पर आधारित एक कमेटी बनायी जिसमें डॉ. राजीव कुमार, डॉ. भरत, अमित चौहान, मक्खन सिंह, विशाल शर्मा, डॉ. जेएस सहरावत, तिलकराज और सिक्योरिटी अफसर विक्रम सिंह शामिल थे। 27 सितंबर को दी अपनी रपट में रूम खाली करने की सिफारिश की गई जिस पर कल रात को ही पुलिस को बुलाकर पीयू सिक्टोरिटी अफसर विक्रम सिंह की मौजूदगी में कमरा खाली करा लिया। छात्र के अभिभावकों को भी इस बारे में पीयू ने सूचित कर दिया है।