चंडीगढ़, 16 दिसंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार ने खुद की बीमा कंपनी स्थापित कर ली है। ‘हरियाणा परिवार सुरक्षा’ नाम से स्थापित किए गए न्यास (ट्रस्ट) के माध्यम से सभी प्रकार की बीमा योजनाओं को चलाया जाएगा। गरीब परिवारों के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई ‘आयुष्मान भारत’ योजना के हरियाणा में कामयाब होने के बाद यह न्यास स्थापित करने का निर्णय लिया गया। हरियाणा पहला ऐसा राज्य है, जिसने केंद्र की इस योजना को अपने यहां ट्रस्ट मोड में चलाया।
दरअसल, आयुष्मान भारत योजना के तहत बीपीएल व अन्य गरीब परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये तक की चिकित्सा सुविधा मिलती है। हरियाणा ने मेडिकल बीमा योजना की इस योजना को प्राइवेट कंपनियों की बजाय खुद का ट्रस्ट बनाकर चलाने का निर्णय लिया। इससे न केवल करोड़ों रुपये का प्रीमियम बचा, बल्कि लोगों को उपचार में भी आसानी रही। अब प्रदेश में सभी प्रकार की बीमा योजनाओं को हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास के माध्यम से चलाने का निर्णय लिया है।
सीएम मनोहर लाल खट्टर न्यास यानी खुद की बीमा कंपनी को लेकर काफी गंभीर थे। सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) के अधिकारी पिछले कई दिनों से इस पर काम कर रहे थे। सभी प्रकार की कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद अब वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन ने न्यास का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सीएम के प्रधान सचिव वी उमाशंकर 3 सप्ताह की छुट्टी पर जाने से पहले सीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करके गए हैं। अब प्रदेश सरकार यह नोटिफाई करेगी कि उसकी ओर से घोषित की गइ्र कौन-कौनसी योजनाएं इस न्यास के तहत आएंगी।
ये योजनाएं हो सकती हैं कवर
प्रदेश सरकार की आेर से चलाई जा रही बीमा योजनाओं में से कइयों को सूचीबद्ध किया जा चुका है। इनमें ‘मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर जीवन सुरक्ष योजना’, ‘मुख्यमंत्री हरियाणा कर्मचारी दुर्घटना बीमा योजना’, ‘मुख्यमंत्री हरियाणा सामूहिक निजी दुर्घटना बीमा योजना’ तथा ‘मुख्यमंत्री व्यापारी क्षतिपूर्ति बीमा योजना’ अब सरकार की खुद की बीमा कंपनी के जरिये चलेगी। इसी तरह से छोटे एवं असंगठित व्यापार से जुड़े लोगों के लिए शुरू की गई योजना का लाभ भी इसकी के माध्यम से मिलेगा।
इसलिए उठाया कदम
विभागों व बोर्ड-निगमों द्वारा बीमा योजनाओं के लिए सालाना हजारों करोड़ रुपये का प्रीमियम बीमा कंपनियों को दिया जाता रहा है। पुराने अनुभव यह रहे हैं कि बड़ी संख्या में लोगों को उन्हीं के लिए शुरू की गई बीमा योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पाता। यही नहीं, जो लोग इन योजनाओं के लिए पात्र होते हैं, जागरूकता व जानकारी के अभाव में वे और उनके परिजन इनका लाभ नहीं ले पा रहे थे। इसी को ध्यान में रखते हुए खुद की बीमा कंपनी बनाने का निर्णय लिया गया। वित्त विभाग अब विभागों व बोर्ड-निगमों द्वारा चलाई जा रही बीमा योजनाओं का प्रीमियम डाटा जुटाया जा रहा है। यह रिपोर्ट भी मांगी गई है कि 10 साल में इन योजनाओं के कुल प्रीमियम की एवज में कितनी राशि मुआवजे के तौर पर दी गई। सभी बीमा योजनाओं को परिवार पहचान-पत्र से जोड़ा जाएगा।
विभागों से मांगा रिकार्ड
प्रदेश सरकार ने इंडियन ट्रस्ट एक्ट-1862 के तहत न्यास की स्थापना की है। विभागों व बोर्ड-निगमों द्वारा अधिकारियों-कर्मचारियों के अलावा समाज के विभिन्न वर्गों के लिए चलाई जा रही सभी प्रकार की बीमा योजनाओं को सेंट्रेलाइज्ड किया जाएगा। विभागों व बोर्ड-निगमों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को लेकर रिपोर्ट मांगी जा चुकी है।