सोनीपत, 7 जनवरी (हप्र)
किसानों ने ट्रैक्टर मार्च में शामिल होने के लिए सुबह ही काफिलों में निकलना शुरू कर दिया। इसके चलते, अधिकतर लोगों ने नाश्ता नहीं किया था। ऐसे में किसी को भूख न लगे इसके लिए केएमपी पर जलपान की किसानों द्वारा व्यवस्था की गई। इस दौरान सब्जी, चावल, चाय, बिस्किट, रोटी, पानी की बोतल व लड्डू आदि ट्रैक्टर परेड में शामिल होने वालों को दी गई। इसके अतिरिक्त समाजसेवी भी वहां पहुंचे। इन्होंने मुंगफली, गजक बांटी। किसान ट्रैक्टर मार्च निकालने केएमपी एक्सप्रेस-वे पर पहुंचे तो इस दौरान उनके लगाए तंबुओं में सन्नाटा पसरा रहा। तंबुओं में वहीं किसान बैठे थे, जो चलने में असमर्थ थे। इसके अतिरिक्त कुछ ऐसे किसान भी थे, जो लंगर के लिए सेवा देने वाले थे। कुंडली बार्डर पर भी अधिकतर किसानों के पंडाल खाली रहे। ट्रैक्टर मार्च में शामिल होने के लिए एक दिव्यांग किसान भी पहुंचे। पानीपत से पहुंचे किसान परेड में शामिल होने वाले दिव्यांग किसान जोगेन्द्र ने बताया कि उसके पास कई एकड़ जमीन है। इसी के चलते वे कृषि कानूनों के विरोध में परेड में शामिल होने पहुंचे हैं।
महिलाओं ने दिखाई हरी झंडी
केएमपी एक्सप्रेस-वे से ट्रैक्टर परेड निकालने के लिए किसान सुबह ही कुंडली के गोल चक्कर पर एकत्रित होने लगे। 11 बजे किसान ट्रैक्टरों के साथ मार्च पर निकले। इस दौरान काफी संख्या में पंजाब से पहुंची महिलाओं ने किसानों के मार्च को झंडी दिखाकर आगे खरखौदा की तरफ रवाना किया। किसानों के ट्रैक्टर परेड को झंडी दिखाते हुए महिलाओं ने कहा कि वह कृषि कानूनों का विरोध करती हैं। उनके परिवार के सदस्य 43 दिन से सर्दी के मौसम में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही।
युवाओं में दिखा जोश
कृषि कानूनों के विरोध में काफी संख्या में ट्रैक्टर हरियाणा व पंजाब के शामिल रहे। अन्य राज्य के किसान भी अपने ट्रैक्टरों के साथ मार्च में पहुंचे। ये किसान काफी समय से कुंडली बार्डर पर धरने पर बैठे हैं। किसानों द्वारा जब ट्रैक्टर परेड निकाली जा रही थी तो उनमें युवाओं का जोश देखने को मिलता था। काफी संख्या में युवाओं ने ट्रैक्टरों पर सवार होकर कृषि कानूनों के विरोध में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। टोल टैक्स छतेहरा के पास युवाओं ने किसानों के लिए फ्री से मेडिकल कैंप लगाया।