हरीश भारद्वाज/हप्र
रोहतक, 29 अप्रैल
कोविड संक्रमण से मृतकों के लिए बनाए गए श्मशान घाटों के अलावा रोहतक के अन्य शमशान घाटों में अंतिम संस्कार के लिए आने वाले शवों की संख्या में पिछले करीब एक सप्ताह से 3 गुना से भी अधिक बढ़ोतरी हो गई है। दाह-संस्कार के लिए आने वाले शवों ने न केवल श्मशान घाटों की प्रबंध समिति को हैरानी में डाल दिया है बल्कि कुंड खाली न होने की वजह से उनका दाह संस्कार भी ग्राउंड में करना पड़ रहा है। शवों की बढ़ती संख्या को कोविड से जोड़कर देखा जा रहा है क्योंकि पीजीआई व प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी व बेड को लेकर चल रही मारामारी की वजह से काफी लोग न तो कोविड टेस्ट करवा रहे हैं और न ही अस्पतालों में जाने की हिम्मत जुटा पा रहे हैं।
शहर के शीला बाइपास स्थित रामबाग शमशान घाट की प्रबंध समिति के उपप्रधान सुरेंद्र बतरा ने बताया कि महामारी से पहले, उनके शमशान घाट में एक महीने में 100 लोगों को दाह संस्कार होता था मगर अब पिछले 5 दिन में ही 60 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार यहां किया जा चुका है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि अब उन्होंने मृतकों के परिजनों को दाह संस्कार के अगले ही दिन फूल उठाने के लिए कहना पड रहा है ताकि कुंड को अगले दिन खाली करके अन्य शवों को दाह संस्कार वहां किया जा सके।
संख्या बढ़कर हुई 9 से 10 : श्मशान घाट समिति
गोहाना रोड श्मशान घाट समिति के प्रधान मनमोहन आजाद का कहना है कि पहले उनके यहां एक दिन में 2 या 3 लोगों का अंतिम संस्कार किया जाता था मगर पिछले एक सप्ताह से यह संख्या बढ़कर 9 से 10 हो गई हैं। उन्होंने कहा कि यहां आने वाले मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी होने के पीछे एक वजह शहर के 2 श्मशान घाटों में केवल कोविड के शिकार लोगों के संस्कार के लिए चिन्हित करना भी हो सकती है। ये दोनों श्मशान घाट कोविड से मृतकों के लिए 2 दिन पहले ही समर्पित किये गये हैं।
कायस्थ श्मशान भूमि को किया अधिग्रहीत : जिलाधीश कम जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के चेयरमैन कैप्टन मनोज कुमार ने हरियाणा रिक्विजिसनिंग एवं एक्वारिंग ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट के तहत जनहित में कायस्थ श्मशान भूमि को श्मशान स्थल के रूप में रिक्विजिट करने के आदेश जारी किये हैं।