अम्बाला, 15 दिसंबर (निस)
मुलाना से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी ने प्रदेश सरकार द्वारा क्रीमीलेयर के नए प्रावधानों पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि पिछड़े लोगों को आरक्षण से वंचित रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछड़ा वर्ग की क्रीमीलेयर संबंधित अभी जारी अधिसूचना में कर्मचारियों के वेतन,भत्ते व कृषि भूमि आय की गणना की है जोकि केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार गलत है। जबकि इससे पहले वर्ष 2016 एवं 2018 में सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किया गया है फिर भी हरियाणा सरकार द्वारा आय प्रमाण पत्र में कर्मचारियों के भत्ते और कृषि भूमि को शामिल करके पिछड़ा वर्ग के क्लास तीन और चार श्रेणी कर्मचारियों के बच्चों को आरक्षण से वंचित कर दिया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा क्रीमीलेयर की सीमा 6 लाख रखी गई है। जबकि केंद्र सरकार द्वारा इससे आठ लाख घोषित किया गया है।
प्रदेश सरकार द्वारा सभी स्रोतों से वार्षिक आय छह लाख रुपये निर्धारित करने से चपरासी, डी श्रेणी के सैनिकों, किसानों और कौशल श्रमिकों के बच्चों के आरक्षण का अधिकार छिन गया है। विधायक चौधरी ने सरकार से मांग की है कि सरकार इंद्रा साहनी मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और केंद्र के निर्धारित मापदंडों के अनुसार ही हरियाणा के पिछड़े वर्ग को आरक्षण का लाभ दिया जाए।