वाशिंगटन, 27 अक्तूबर (एजेंसी)रूसी हथियारों और उपकरणों पर भारत की निर्भरता में उल्लेखनीय गिरावट आई है, लेकिन भारतीय सेना रूसी आपूर्ति वाले उपकरणों के बिना प्रभावी ढंग से काम नहीं कर सकती और निकट भविष्य में रूस की हथियार प्रणालियों पर भारत की निर्भरता बनी रहेगी। कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। यह रिपोर्ट बाइडेन प्रशासन के उस महत्वपूर्ण फैसले से पहले आई है जिसमें बाइडेन प्रशासन को भारत की रूस से सैन्य हथियार की खरीद को सीमित करना होगा।
स्वतंत्र निकाय सीआरएस ने अपनी रिपोर्ट ‘रूसी हथियार बिक्री और रक्षा उद्योग’ में कहा है, ‘भारत और उसके बाहर कई विश्लेषकों का निष्कर्ष है कि भारतीय सेना रूसी उपकरणों के बिना प्रभावी ढंग से काम नहीं कर सकती और निकट भविष्य में रूसी हथियार प्रणालियों पर उसकी निर्भरता जारी रहेगी।’ सीआरएस स्वतंत्र विषयों के विशेषज्ञों के जरिए विभिन्न मुद्दों पर समय-समय पर रिपोर्ट तैयार करता है। इसकी रिपोर्टें कांग्रेस की आधिकारिक रिपोर्ट नहीं हैं और सांसदों को निर्णय लेने में मदद करने के लिए तैयार की जाती हैं। रिपोर्ट में एक ग्राफिक के जरिए दिखाया गया है कि 2015 के बाद से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में रूस से उपकरणों के आयात में लगातार गिरावट आई है। अपनी रिपोर्ट में सीआरएस ने कहा कि 2016 से चल रही रूस निर्मित वायुरक्षा प्रणाली एस-400 को खरीदने की भारत की योजना पर अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट की धारा 231 के तहत अमेरिकी रोक लग सकती है। इस कानून के तहत अमेरिका अपने सभी सहयोगियों और साझेदारों से रूस से किसी भी प्रकार के सैन्य लेनदेन को तत्काल रोकने का आग्रह करता है और ऐसा न होने पर इन देशों को अमेरिका द्वारा अपने प्रतिद्वंद्वियों के विरोध हेतु बनाए गए दंडात्मक सीएएटीएसए का सामना करना पड़ सकता है।