नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 14 दिसंबर
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के बढ़ते आंदोलन को काउंटर करने के लिए भाजपा ने ‘किसानों को मैदान’ में उतारने का फैसला लिया है। इस दौरान किसानों को संवैधानिक तरीके से कृषि कानूनों में बदलाव या संशोधन के लिए राय जिलाधिकारियों के माध्यम से भेजने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
यहां जीआईए हाउस में सोमवार को भाजपा के सांसदों, विधायकों व पूर्व प्रत्याशियों की बैठक प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ की अध्यक्षता में हुई। बैठक में प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े विशेष तौर पर मौजूद रहे। उन्होंने कृषि कानूनों पर पार्टी नेताओं की राय ली। बैठक में केंद्र सरकार द्वारा किसान व कृषि हित में लिए गए फैसलों से संबंधित प्रस्तुति दी गई। इसका उद्देश्य सभी नेताओं को सरकार द्वारा बनाई नीतियों के बारे में विस्तृत जानकारी देना था। बैठक में तय किया गया कि कृषि कानूनों के विरोध को दोहरे मोर्चे पर काउंटर किया जाए। इन कानूनों का समर्थन करने वाले किसानों व किसान संगठनों से समर्थन मार्च की अपील की जाए तथा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम दो किलोमीटर लंबा मार्च निकाला जाए। इस मार्च में पार्टी कार्यकर्ताओं के शामिल होने से मनाही की गई है। किसानों का आह्वान किया जाए कि कृषि कानूनों में बदलाव के लिए अपनी लिखित राय जिला अधिकारियों के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजें ताकि इन कानूनों को और भी हितैषी बनाया जा सके। सरकार तीनों कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है, लेकिन इसके माकूल मसौदा व राय होनी चाहिए। यह भी तय किया गया कि सभी नेता किसानों के बीच जाकर उन्हें कानूनों की जानकारी दें तथा नम्र होकर अपनी बात रखें। बैठक में मौजूद नेताओं ने कहा कि सिर्फ पंजाब के किसानों को ही इन कानूनों से दिक्कत पेश आ रही है। शेष राज्यों के किसानों की भागीदारी धरने-प्रदर्शनों में न के बराबर है। पंजाब के किसान भ्रमित होकर कानूनों का विरोध कर रहे हैं जबकि शेष भावुक होकर। इन किसानों का आह्वान किया जाए कि वे पंजाब सरकार पर दबाव बनाकर एसवाईएल से हरियाणा के हिस्से का पानी दिलवाएं। राज्यसभा सांसद डीपी वत्स व भिवानी से सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पंजाब के मुख्यमंत्री के अड़ियल रवैये के कारण हरियाणा के किसानों को अपने हिस्से का पानी नहीं मिल रहा है। यदि किसानों की परवाह और चिंता है तो हरियाणा को हक का पानी दिलवाया जाए।’ इस दौरान कृषि कानूनों का समर्थन करने वाले संगठनों व किसानों से बात करने के साथ-साथ समर्थन मार्च की रूपरेखा तैयार करने के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। इसमें कुरुक्षेत्र से सांसद नायब सैनी, भिवानी से सांसद धर्मबीर सिंह, पानीपत ग्रामीण से विधायक महिपाल ढांडा व भाजपा किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष समय सिंह भाटी को शामिल किया गया है। बैठक में मौजूद सांसदों, विधायकों समेत सभी ने एक सुर में मांग की कि किसी अनुचित दबाव में आकर कानूनों को रद्द न किया जाए। लेकिन संशोधन का विकल्प खुला रखा जाए।