सुमित चौहान/निस
कुल्लू, 25 अक्तूबर
अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव भगवान रघुनाथ की रथयात्रा के साथ शुरू हो गया है। पहली बार इतने कम देवी देवताओं ने इस शोभायात्रा में भाग लिया और कोरोना के संकट के चलते मात्र 200 श्रद्धालु ही इसमें शामिल हो सके। रथयात्रा में देवता बिजली महादेव, नाग धुम्बल, ब्रह्मा, गोहरी, जमलू ऋषि, लक्ष्मी नारायण, देवी हिडिम्बा, त्रिपुरा सुंदरी, ने भाग लिया। दोपहर करीब 3 बजे भगवान रघुनाथ अपने हारियानों के साथ अपने मन्दिर से ढालपुर के लिए रवाना हुए। इस दौरान पुलिस प्रशासन के द्वारा लोअर ढालपुर व ढालपुर बाजार को बंद रखा गया।
वही, ढालपुर में लोगों की भीड़ न हो सके इसके लिए भी जगह जगह पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई। हालांकि रथ मैदान के आसपास भीड़ जुट रही थी। लेकिन पुलिस ने लोगों को रथ मैदान से दूर ही रखा और लोगों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से ही भगवान रघुनाथ की रथयात्रा देखी। भगवान रघुनाथ के ढालपुर पहुंचते ही मैदान ढोल-नगाड़ों की थाप से गूंज उठा और पूरा मैदान भक्तिमय हो उठा।
मैदान आने पर पुजारियों के द्वारा भगवान की पूजा की गई और भगवान को रथ पर विराजमान किया गया। वही, देवी भेखली का इशारा मिलते ही रथयात्रा शुरू की गई और भगवान अगले 7 दिनों के लिए ढालपुर के अपने अस्थाई शिविर में विराजमान हो गए।
रथयात्रा में 7 देवी देवताओं ने अपने हारियानों के साथ भाग लिया और सभी हारियानों ने फेस कवर के साथ-साथ सामाजिक दूरी के नियमों का भी पालन किया। इस दौरान लोगों ने जगह-जगह देवी-देवताओं का स्वागत कर आशीर्वाद लिया।
सभी देवी-देवताओं को बुलाना चाहिए था : कांग्रेस
बंजार कांग्रेस प्रतिपक्ष के नेता आदित्य विक्रम सिंह ने दशहरा कमेटी व सरकार को दशहरा पर्व की व्यवस्था को लेकर घेरा है। आदित्य ने कहा है कि सभी देवी-देवताओं को दशहरा पर्व में बुलाना चाहिए था। देवी-देवताओं को लेकर पक्षपात नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि देवी-देवताओं से ही दशहरा पर्व की शोभा है लेकिन उन पर ही प्रतिबंध कितना ठीक है। उन्होंने कहा कि देव संस्कृति के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए था और न ही राजनीति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बंजार घाटी से एक भी देवता नहीं बुलाया गया जो सरासर पक्षपात है।