नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (एजेंसी)
कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा के 12 सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए मंगलवार को मार्च निकाला और सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया। संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा से विजय चौक तक निकाले गये मार्च में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, निलंबित सांसद, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, शिवसेना नेता संजय राउत और कई अन्य नेता शामिल हुए।
इस मार्च के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘सांसदों के निलंबन को 14 दिन हो गए हैं। सदन में विपक्ष जो चर्चा करना चाहता है, सरकार वह चर्चा नहीं होने देती। विपक्षी सदस्य अपनी आवाज उठाते हैं तो सरकार उनको डराकर-धमकाकर निलंबित कर देती है। विपक्ष की आवाज कुचली जा रही है। यह लोकतंत्र की हत्या है।’ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि तीन-चार ऐसे मुद्दे हैं जिनका सरकार नाम तक नहीं लेने देती, प्रधानमंत्री सदन में नहीं आते। यह सही तरीका नहीं है। संजय राउत ने कहा कि यह सिर्फ 12 सांसदों का निलंबन नहीं, बल्कि यह किसानों के आंदोलन के लिए सांसदों का सबसे बड़ा बलिदान है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और न्याय शब्दों को यह सरकार सुनना ही नहीं चाहती।
सोनिया ने विपक्षी नेताओं संग की चर्चा
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और विपक्षी दलों के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में विपक्ष की साझा रणनीति को लेकर चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार, सोनिया गांधी के आवास 10, जनपथ पर हुई इस बैठक में पवार के साथ ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना नेता संजय राउत और द्रमुक नेता टी आर बालू भी शामिल हुए। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आने वाले दिनों में ऐसी और बैठकें होंगी ताकि सभी विपक्षी दलों को एकजुट किया जा सके।