भिवानी, 4 अप्रैल (हप्र)
भिवानी में पावर ग्रिड के टॉवरों को लेकर कंपनी व किसानों में बढ़े टकराव को लेकर रविवार को किसान पंचायत हुई। जिसमें जिलेभर के साथ टिकरी बॉर्डर से भी किसान पहुंचे तथा फैसला लिया कि किसानों के साथ हो रहा अन्याय अगर बंद नहीं हुआ तो कंपनी, प्रशासन व सरकार के खिलाफ आंदोलन होगा। भिवानी में एक बार फिर किसान व कंपनी के बीच टकराव बढ़ने लगा है। ये टकराव 10 साल पहले शुरू हुआ था, जो अब तीसरी बार फिर संघर्ष में बदल गया है। बता दें कि साल 2011 में निमड़ीवाली गांव में निजी कंपनी का पावर ग्रिड बना था। यहां से अब तीसरी बार बड़ी लाइन निकाली जा रही है, जिसके बड़े-बड़े टॉवर लगाए जाने हैं। किसानों का आरोप है कि एक टॉवर आधा एकड़ से ज्यादा जमीन में लगता है और उसके बाद पूरे खेत में खेती नहीं हो पाती। हैरानी की बात है कि किसानों को इन टॉवरों का मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा। बिना मुआवजा टॉवर लगाने पर किसान व कंपनी आमने-सामने हैं। आरोप है कि कुछ रोज पहले कंपनी कर्मचारी टॉवर लगाने पहुंचे थे। यहां भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान राकेश आर्य ने अपने खेत में टॉवर लगाने से रोका तो कंपनी कर्मियों ने पुलिसबल बुला कर उसे व उसकी भाभी के साथ मारपीट की।
किसानों ने उठाई यह मांग
किसान पंचायत में फैसला लिया गया है बिना मुआवजे के टॉवर लगाने से रोकने पर राकेश आर्य व उसकी भाभी से मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो। किसानों को प्रति टॉवर 15 लाख रुपये मुआवजा मिले। किसानों का कहना है कि अब से पहले दो लाइन डाली गई, जिनके टॉवरों का मुआवज़ा लेने के लिए भी उन्हें संघर्ष करना पड़ा था जिसके बाद किसानों को प्रति टॉवर 4 से 5 लाख रुपये मुआवजा मिला था। वहीं टिकरी बॉर्डर से आए किसान नेता कर्मसिंह ने कहा कि किसानों को पहले तय एग्रीमेंट के अनुसार मुआवजा मिले। पुलिस का काम किसी के कहने पर किसानों को पीटना नहीं, बल्कि पिटते हुए को छुड़वाना है।