चंडीगढ़, 6 जनवरी (ट्रिन्यू)
पतंजलि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन के माध्यम से पर्यावरण में मौजूद विभिन्न रोगजनक बैक्टीरिया पर यज्ञ/हवन के रोगाणुरोधी प्रभावों को प्रमाणित किया है। इसके अनुसार हवन/यज्ञ वातावरण को शुद्ध करने का सुरक्षित व पर्यावरण के अनुकूल उपाय हो सकता है। साथ ही हवन बैक्टीरिया और वायरस के कारण होने वाली संक्रामक बीमारियों के विरुद्ध प्रभावी भी हो सकता है।
यह अध्ययन एक प्रतिष्ठित अमेरिकी वैज्ञानिक जर्नल में प्रकाशित हुआ है और पाठकों के लिए नि:शुल्क उपलब्ध है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि यज्ञ/हवन पर्यावरण को शुद्ध करने का एक तरीका है,
उसका यह पहला वैज्ञानिक प्रमाण है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि यज्ञ/हवन न केवल मानसिक शांति प्राप्त करने का अपितु समग्र शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त करने का एक आध्यात्मिक तरीका भी है।