भिवानी, 4 जुलाई (हप्र)
स्वामी विवेकानंद का कथन ‘उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाये’ किसान आंदोलन पर बिल्कुल सटीक बैठता है और उन्हीं से प्रेरित होकर देशभर के किसान एवं मजदूर 3 कृषि कानूनों के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष कर रहे हैं। भीमराव अंबेडकर व चौधरी छोटूराम मंच के संयोजक गंगाराम श्योराण ने कितलाना टोल पर चले रहे किसानों के धरने को संबाेधित किया और यह बात कही। स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर उन्होंने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि जब तक ये कानून रद्द नहीं होंगे आंदोलनकारी पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार हठधर्मिता पर अड़ी हुई है और किसान-मजदूरों का शोषण करने पर आमादा है।
इस अवसर पर सज्जन कुमार सिंगला ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का आजादी की लड़ाई में अहम योगदान था और वे भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के भी एक प्रमुख प्रेरणा स्रोत रहे। उनके अनुसार स्वामी जी विश्वास था कि पवित्र भारतवर्ष धर्म एवं दर्शन की पुण्यभूमि है। यहीं बड़े-बड़े महात्माओं व ऋषियों का जन्म हुआ, यही संन्यास एवं त्याग की भूमि है तथा यहीं आदिकाल से लेकर आज तक मनुष्य के लिये जीवन के सर्वोच्च आदर्श एवं मुक्ति का द्वार खुला हुआ है।
‘बिजली-पानी की भारी समस्या’
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर धरने के 192वें दिन खाप सांगवान के कन्नी प्रधान सूरजभान सांगवान, फौगाट खाप के प्रधान बलवंत नम्बरदार, प्रधान बिजेंद्र बेरला, किसान सभा के रणधीर कुंगड़, गंगाराम श्योराण, कमल प्रधान, मास्टर राजसिंह जताई, मीरसिंह नीमड़ीवाली, प्रताप सिंह सिंहमार, सुशीला घनघस, रतन्नी डोहकी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि भिवानी और दादरी में बिजली- पानी की भारी समस्या है और सत्ताधारी चंडीगढ़ में बैठे चैन की बंसी बजा रहे हैं।