अरविंद शर्मा / निस
जगाधरी, 10 अप्रैल
मौसम की बेरुखी इस बार गेहूूं उत्पादक किसानों को तगड़ा झटका दे गई है। गेहूं की काफी कम पैदावार से किसान मायूस हैं। गत साल के मुकाबले प्रति एकड़ पांच से 6 क्विंटल तक कम गेहूं निकल रही है। इससे खरीद एजेंसियों का पिछले साल के मुकाबले टारगेट कम रहने की आशंका बनी हुई है।
इस बार जिले में गेंहू का 90 हजार हैक्टेयर से ज्यादा रकबा था। शुरू में गेहूं की बंपर पैदावार होने की किसान उम्मीद में थे, लेकिन दिसंबर से लेकर फरवरी तक तीन-चार बार हुई तेज बरसात व चली हवाओं से उम्मीदों पर पानी फिर गया। निचले इलाकों की गेंहू में जहां जलभराव हो गया,वहीं तेज हवा से कई इलाकों की फसल नीचे गिर गई। बीकेडी रोड, पाबनी रोड़, छछरौली व प्रतापनगर के घाड़ इलाके में जनभराव से फसल को भारी नुकसान हुआ। इस रकबे में सैकड़ों एकड़ फसल खराब ही हो गई। इसके बाद मार्च माह में समय से पहले हुई गर्मी से भी गेहूं की फसल को नुकसान हुआ। इससे गेंहू का दाना कमजोर रह गया। किसान धर्मपाल, अश्वनी कुमार, नाथीराम आदि का कहना है कि पिछले साल 20 से 24 क्विंटल प्रति एकड़ उपज रही थी,लेकिन इस यह ऐवरेज 13 से 17 क्विंटल के करीब है। कई खेतों की पैदावार तो 12 क्विंटल प्रति एकड़ तक ही सिमट गई।
प्रति हेक्टेयर एवरेज कम रहने की संभावना : कृषि विशेषज्ञ
कृषि विभाग के उप निदेशक डा. जसवींद्र सैनी का कहना है कि सर्दी के मौसम में बहुत ज्यादा बरसात से गेहूं, सरसों, तोड़िया व सब्जियों की फसल को नुकसान हुआ था। बाद में समय से पहले बढ़े तापमान ने भी गेहूं की फसल को काफी नुकसान किया। जब अधिकतम तापमान 27 डिग्री के करीब होना चाहिए, उस वक्त यह 33-34 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा था। उनका कहना था कि पिछले साल क्राप कटिंग में गेहूं की प्रति हेक्टेयर एवरेज 52 क्विंटल तक रही थी। इस बार इसके कम रहने की संभावना है।