नगर संवाददाता
चंडीगढ़/पंचकूला, 19 मई
चंडीगढ़ कांग्रेस में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं हैं। महामारी में जहां राजनीतिक पार्टियां अपने अपने स्तर पर कल्याणकारी योजनाओं पर समाज सेवा में जुटी हैं, वहीं चंडीगढ़ में कांग्रेस दो फाड़ दिखाई दे रही है। इसकी वजह चंडीगढ़ कांग्रेस द्वारा बुधवार को पानी को लेकर बुलाई गई बैठक हो सकती है जिसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा समेत कांग्रेस के अन्य लोगों को नहीं बुलाया गया।
शहर में पानी के मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने बैठक की जिसमें पानी के मामले में आंदोलन और तेज करने का फैसला किया गया। यह आंदोलन पानी की दरें तीन गुणा करने के खिलाफ किया जाएगा। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता एचएस लक्की के मुताबिक चंडीगढ़ कांग्रेस के नेताओं की एक आकस्मिक बैठक बुलाई है जिसमें 100 से अधिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया जिसमें पूर्व केन्द्रीय मंत्री पवन बंसल भी शामिल हुए। मगर प्रदीप छाबड़ा को बैठक में नहीं बुलाया गया। इससे नाराज छाबड़ा ने मौजूदा हालात के बारे में कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत को चिट्ठी लिखकर उनसे शिकायत की है। छाबड़ा ने कहा कि चंडीगढ़ कांग्रेस की वर्चुअल मीटिंग हुई जिसमें 100 से ज्यादा लोग शामिल हुए। मीटिंग में उन्हें और कांग्रेस के बहुत से अन्य लोगों को नहीं बुलाया गया। छाबड़ा ने कहा कि बहुत से साथी जिन्होंने जिंदगी का अहम समय पार्टी को दिया, प्रदर्शन किए, लाठियां खाईं व गिरफ्तारी के साथ साथ पार्टी के हर काम में सहयोग किया लेकिन आज पार्टी में मनमर्जी व धक्केशाही चल रही है। छाबड़ा ने कहा कि अध्यक्ष सुभाष चावला को इस बारे में जवाब देना चाहिए। मनीमाजरा ब्लाॅक कांग्रेस कमेटी और सेक्टर 39 व 40 ब्लाॅक कांग्रेस कमेटी इन दिनों पानी की दरों में मनमानी बढ़ोतरी को लेकर धरना दे रही है।