मुंबई, 29 सितंबर ( एजेंसी)
बंबई हाईकोर्ट ने शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत द्वारा कंगना रनौत को दी गई कथित पर उनसे पूछा कि क्या एक सांसद को इस तरह जवाब देना चाहिए?
अभिनेत्री कंगना रनौत ने शिवसेना के नियंत्रण वाली बीएमसी द्वारा नौ सितंबर को उनके बंगले में की गई तोड़-फोड़ की कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका में राउत को भी प्रतिवादी बनाया है। हाईकोर्ट ने तोड़-फोड़ की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। अदालत ने कहा, ‘ हालांकि, हम याचिकाकर्ता द्वारा कहे गए एक भी शब्द से सहमत नहीं है लेकिन क्या यह बात करने का तरीका है ? ‘
न्यायमूर्ति एस जे कठवल्ला और न्यायमूर्ति आरआई चागला की खंडपीठ ने कहा, ‘ हम भी महाराष्ट्रवासी हैं। हम सभी को महाराष्ट्रवासी होने पर गर्व है। लेकिन हम जाकर किसी का घर नहीं तोड़ते। क्या प्रतिक्रया देने का यह तरीका है ? क्या आपमें दया नहीं है? ‘ बीएमसी की कार्रवाई को ‘अवैध’ करार देते हुए दो करोड़ रुपये के मुआवज़े का अनुरोध करने वाली रनौत की याचिका पर पीठ अंतिम सुनवाई कर रही है। इससे पहले मंगलवार को सुनवाई के दौरान, राउत ने एक शपथपत्र दाखिल किया, जिसमें उन्होंने रनौत को धमकी दिए जाने से इंकार किया। शपथपत्र में कहा गया, ‘ यह इस तरह नहीं था, जिस तरह याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था।’ इस पर अदालत ने कहा कि कम से कम राउत ने स्वीकार किया कि वह साक्षात्कार में रनौत के बारे में बात कर रहे थे, जैसा कि पहले की सुनवाई में, उनके वकील ने इस बात से इंकार किया था कि राउत ने रनौत के संदर्भ में कुछ भी कहा था।
एक चैनल को दिए साक्षात्कार में राउत ने अभिनेत्री के संदर्भ में कथित तौर पर आपत्तिजनक शब्द का उपयोग किया था और कहा था, ‘ कानून क्या है? उखाड़ देंगे।’ पीठ ने कहा, ‘ आप एक सांसद हैं। आपमें कानून के लिए कोई सम्मान नहीं है? आपने पूछा कि कानून क्या है?’ राउत की वकील ने माना कि राज्यसभा सदस्य को अधिक जिम्मेदार होना चाहिए था।