चंडीगढ़, 18 नवंबर (ट्रिन्यू)
चंडीगढ़ की महापौर राजबाला मलिक ने आज निगम भवन में निगम पूल के सरकारी घरों के लिए कमांड और कंट्रोल ई-आवास योजना शुरू की।
इस अवसर पर महापौर ने कहा कि निगम के कर्मचारी अब निगम की वेबसाइट के माध्यम से निगम पूल के घरों के आवंटन/परिवर्तन/ आपसी आदान-प्रदान के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं।
ई-अवास आवेदन राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र चंडीगढ़, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा डिज़ाइन, विकसित और होस्ट किया गया है। इसके तहत हर माह के 20वें दिन या उससे पहले इस नियम के तहत प्राप्त आवेदनों को सफल महीने में आवंटन के लिए योग्य माना जाएगा। 21वें दिन एक कैलेंडर माह की अंतिम तारीख को प्राप्त आवेदनों पर विचार किया जायेगा।
निगमायुक्त केके यादव ने कहा कि अब मकानों का आवंटन ‘बोली प्रणाली’ के माध्यम से किया जायेगा। वर्तमान वरिष्ठता सूची में मौजूद पात्र आवेदक सरकार के आवंटन के लिए अधिकतम तीन विकल्प/बोलियां प्रस्तुत करेंगे। सरकारी आवास के आवंटन के लिए ‘बोली’ में भाग नहीं लेने वाले पात्र आवेदकों को कोई आबंटन नहीं किया जायेगा और भविष्य में सदन आबंटन समिति द्वारा विशेष सदनों के आबंटन के लिए कोई लिखित अनुरोध नहीं माना जाएगा।
वरिष्ठता सूची हर महीने वेबसाइट पर की जायेगी अपडेट
निगमायुक्त केके यादव ने कहा कि आवेदन पत्र की जांच निगम की हाउस अलॉटमेंट कमेटी द्वारा की जाएगी। अपूर्ण आवेदन पत्र या अपात्र आवेदकों के आवेदन पत्र के मामले में मामला सदन आवंटन समिति द्वारा सीधे खारिज कर दिया जायेगा और आवेदक को आधिकारिक वेबसाइट पर नये सिरे से ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करना होगा। योग्य आवेदनों पर विचार करने के बाद, वरिष्ठता सूची हर महीने वेबसाइट पर अपडेट की जायेगी। उनका कहना था कि इसके बाद मैनुअल आबंटन नहीं किया जायेगा और निगम में लंबित मौजूदा मैनुअल एप्लिकेशन को छोड़ दिया गया है।
सम्पत्ति कर जमा कराने वालों को मिलेंगे प्रमाण पत्र
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : चंडीगढ़ की महापौर राजबाला मलिक ने आज आवासीय सम्पत्ति पर लगे कर जमा कराने वाले लोगों को बिना आवेदन के निकासी प्रमाण पत्र जारी करने की सुविधा शुरू की। निगमायुक्त केके यादव की उपस्थिति में यह सुविधा शुरू करते हुए उन्होंने कहा कि लोग अब अपना संपत्ति कर बकाया जमा कर सकते हैं और साथ ही बिना किसी अनुरोध के निकासी प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते।