नूंह/मेवात, 12 दिसंबर (निस)
किसान आंदोलन के कारण दिल्ली व अन्य सब्जी मंडियों में आवाजाही प्रभावित होने से जिला के सब्जी उत्पादक पर इसकी अधिक मार पड़ी है। इसी तरह एनसीआर क्षेत्र में यहां से रोजाना बढ़ी तादाद में जाने वाला दूध व इससे निर्मित वस्तुओं की भी बिक्री बुरी तरह से प्रभावित हो रही है।
उल्लेखनीय है कि जिला की तावडू, नूंह, पुन्हाना व फिरोजपुर झिरका के अलावा जिला से साथ लगती भिवाड़ी की सब्जी मंडियों में सब्जी ले जाने वाले किसानों की सब्जियों की यहां बेकद्री हो रही है। सब्जी उत्पादक लीलू प्रधान, भूपसिंह, हेमंत,छोटेलाल, नरेन्द्र सिंह, होशियार सिंह, सूबे सिंह आदि ने बताया कि इस बार किसान आंदोलन की वजह से गोभी, टमाटर, मटर, गाजर व बैंगन आदि सब्जियों के दाम बुरी तरह से पिट रहे हैं। एनसीआर की मंडियों में आवाजाही न होने और जिला की मंड़ियों में भाव न मिलने से माल का किराया तक वसूल नहीं हो पा रहा है। 25 किलोग्राम गोभी कोई 50 रुपये में भी लेने को तैयार नहीं है जबकि इतना खर्च तो उसकी कटाई में ही लग जाता हैं। उन्होंने कहा कि सब्जी के दाम नहीं मिलने से नुकसान काफी बढ़ने लगा है, जिससे आर्थिक रूप से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मंडी में लोकल सब्जियों की भरमार
वहीं, तावड़ू मंडी के थोक विक्रेता रोहित, श्योसिंह सैनी, दीपक के अलावा नूंह मंडी के विक्रेता ताराचंद, सगीर व इमरान का कहना है कि मंडी में लोकल सब्जियों की भरमार है लेकिन खरीददार नहीं है। इससे माल अधिक व खरीददार कम होने से किसान कई बार उत्पादन को मंडी में ही छोड़कर चला जाता है, जिससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है।