नरेन्द्र ख्यालिया/निस
हिसार, 17 नवंबर
शिक्षा विभाग ने ऐसे राजकीय प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों पर संज्ञान लिया है, जिनमें छात्र संख्या 10 या उससे भी कम हैं। ऐसे स्कूलों को पास के स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। मजेदार बात तो यह है कि प्रदेश में 14 राजकीय प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं, जिनमें एक भी छात्र नहीं है, जबकि 13 शिक्षक इन स्कूलों में कार्यरत हैं। विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों से ऐसे स्कूलों के पास के स्कूलों की जानकारी मांगी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेशभर में 228 ऐसे राजकीय प्राथमिक स्कूल हैं, जिनमें छात्र संख्या 10 या उससे भी कम है और इसमें भी 14 प्राथमिक स्कूलों की छात्र संख्या शून्य है। 10 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की संख्या सबसे ज्यादा जिला कुरुक्षेत्र में है, जहां 28 स्कूल ऐसे हैं जिनमें संख्या 10 या उससे भी कम है। जिला महेन्द्रगढ़ में 27, भिवानी व यमुनानगर में 23-23, चरखी दादरी में 17, रेवाड़ी 15, सिरसा व करनाल 12-12, पंचकूला 10, कैथल व फतेहाबाद 9-9, अंबाला 7, गुरुग्राम, हिसार, नूंह व सोनीपत में 6-6, जींद 4, झज्जर, पलवल व पानीपत में 2-2 और फरीदाबाद व रोहतक जिला में एक-एक स्कूल ऐसा है। उक्त स्कूलों में 14 राजकीय प्राथमिक विद्यालय ऐसे भी हैं, जिनमें कोई भी छात्र अध्ययनरत नहीं है, अपितु 13 शिक्षक बिना बच्चों के ही मोटे वेतन व भत्ते ले रहे हैं।
इसी प्रकार से प्रदेशभर में 43 राजकीय माध्यमिक विद्यालय ऐसे हैं, जिनमें छात्र संख्या 10 या कम है। ऐसे स्कूलों की संख्या जिला नूंह में सबसे ज्यादा 11 है। जबकि जिला यमुनानगर में 7, महेन्द्रगढ़ व हिसार 4-4, सोनीपत व भिवानी 3-3, चरखी दादरी, झज्जर, जींद व पंचकूला में 2-2 और जिला अंबाला, रेवाड़ी, रोहतक व सिरसा में ऐसे स्कूलों की संख्या एक-एक है।
ऐसे स्कूल जहां बच्चे पढ़ने आते हैं लेकिन शिक्षक नहीं
मजेदार बात तो यह है कि जिला यमुनानगर के जीएमएस हाफिजपुर, चाबोतरां, जिला नूंह के जीएमएस खोरी खुर्द, बिकती व नानूका ऐसे स्कूलों में शामिल हैं, जिनमें छात्र तो पढ़ने आते हैं किंतु पढ़ाने के लिए इन बच्चों को कोई शिक्षक नहीं है।