कैथल, 2 जुलाई (हप्र)
संस्कृत भारती के सदस्य शुक्रवार काे शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से मिले। इस मुलाकात के दौरान सदस्यों ने शिक्षा मंत्री को संस्कृत भाषा को पाठ्यक्रम में स्थायी रूप से शामिल करने की मांग की। इन सदस्यों का कहना था कि संस्कृत भाषा को स्कूल और कालेज स्तर पर तवज्जो नहीं दी जा रही। संस्कृत भारती के उत्तर क्षेत्र संपर्क प्रमुख प्रो. यशवीर आर्य ने कहा कि शिक्षा मंत्री से प्रदेश में तीसरी से 12वीं तक संस्कृत विषय को पाठ्यक्रम में अनिवार्य करने, एनएसक्यूएफ में भी संस्कृत भाषा को विकल्प बनाने, संस्कृत पीजीटी और टीजीटी की भर्ती करने व राजकीय संस्कृत कालेज में संस्कृत के प्रोफेसर को प्रिंसिपल बनाने की मांग की गई है।
उन्होंने कहा कि प्रमोशन को लेकर संस्कृत विषय के अध्यापकों के साथ भेदभाव बंद हो। यहां संस्कृत भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कामक, प्रांत मंत्री जयप्रकाश शास्त्री, जोगेंद्र आदि मौजूद थे।
आईटीआई विद्यार्थियों ने सौंपा ज्ञापन
जगाधरी (निस) : आईटीआई भंबोली व आईटीआई ससोली के विद्यार्थी शुक्रवार को शुक्रवार को शिक्षा मंत्री कंवरपाल से मिले। उन्होंने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपकर 2017 से 2019 के बैच की परीक्षा कराए जाने की गुहार लगाई। विद्यार्थी दीपक कुमार, अमित कुमार, अजय आदि ने बताया कि काफी विद्यार्थियों ने 2017 से 2019 तक भंबोली व ससोली स्थित आईटीआई संस्थानों में प्रवेश लिया था। अभी तक री-अपियर के पेपर नहीं हुए। उन्होंने शिक्षा मंत्री से उन्हें प्रमोट करने या परीक्षा करवाने की मांग की।