धर्मशाला, 2 जुलाई (निस)
धर्मगुरु दलाई लामा ने भारत की प्राचीन आध्यात्मिक परंपराओं में से एक जैन परंपरा द्वारा प्रचारित जीवन के अहिंसक तरीके की सराहना की है। उन्होंने कहा कि जैन समुदाय में शाकाहार सहित अहिंसा के सिद्धांतों को बढ़ावा देने की क्षमता है। उन्होंने लोगों से शाकाहारी बनने का भी आग्रह किया। धर्मगुरु ने शुक्रवार को 21वें द्विवार्षिक जैन सम्मेलन पर वर्चुअली संदेश में यह बात कही। उन्होंने मनुष्यों द्वारा जानवरों के शोषण और उनके मारे जाने को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यदि इसी तरह से लंबे समय तक जानवरों को मारा जाता रहा तो अपूरणीय क्षति होगी। दलाई लामा ने अपने संदेश में जैन परंपरा द्वारा प्रचारित मूल्यों के प्रति अपना अभिवादन और प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि यह तय करना वव्यक्ति पर निर्भर है कि उसे शाकाहारी बनना है या नही। उन्होंने कहा कि हालांकि तिब्बती विहारीय संस्थानों में रह रहे तिब्बतियों को हम पूर्ण शाकाहारी भोजन परोस रहे हैं।