नयी दिल्ली, 17 मई (एजेंसी)
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाएं, जिनकी पहले से कमी है, जमा करने का काम सियासी नेताओं का नहीं है। और उम्मीद की जाती है कि वे दवाएं लौटा देंगे। अदालत ने दिल्ली पुलिस द्वारा पेश की गई उस स्थिति रिपोर्ट पर भी नाराजगी जाहिर की, जो राष्ट्रीय राजधानी में रेमडेसिविर तथा कोविड-19 की अन्य दवाओं की नेताओं द्वारा जमाखोरी तथा वितरण के आरोपों के संबंध में की गई जांच से संबंधित थी।
अदालत ने रिपोर्ट को ‘अस्पष्ट तथा आंखों में धूल झोंकने वाली’ बताया। अदालत ने कहा, ‘क्योंकि कुछ राजनीतिक लोग इसमें शामिल हैं, इसलिए आप जांच नहीं करेंगे। लेकिन हम इसकी इजाजत नहीं देंगे।’ न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि यदि उनके (नेताओं के) इरादे जनता की भलाई के थे, तो उन्हें खुद जाकर दवा का भंडार स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय को सौंप देना चाहिए।