तरुण जैन/निस
रेवाड़ी, 25 अप्रैल
पूरे देश में कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन की चल रही कमी के बीच रविवार को यहां के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती 4 कोरोना मरीजों की ऑक्सीजन के अभाव में मौत हो गई है। इन मौतों को लेकर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। फिर सरकुलर रोड को जाम कर दिया। सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।
जानकारी के अनुसार शहर के सरकुलर रोड स्थित प्राइवेट विराट अस्पताल में 114 कोरोना मरीजों का उपचार चल रहा है। इनमें बड़ी संख्या में मरीजों को ऑक्सीजन पर रखा गया है। बताया गया कि इस अस्पताल में सबसे अधिक कोरोना मरीज भर्ती हैं और इसे रोजाना लगभग 300 ऑक्सीजन सिलेंडरों की जरूरत होती है। अस्पताल के यूनिट हेड प्रताप यादव ने बताया कि उन्हें मात्र 150 सिलेंडरों की सप्लाई ही मिल रही थी। मरीजों की संख्या के अनुसार ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए कई बार सीएमओ व नोडल अधिकारी को कहा गया और यह चेतावनी भी दी गई कि यदि शीघ्र सिलेंडरों की सप्लाई नहीं की गई तो बड़ी संख्या में मरीजों की मौत हो सकती है, लेकिन उन्होंने कोई परवाह नहीं की। जिसके कारण 4 मरीजों की अकाल मौत हो गई। मृतकों की पहचान दिल्ली के नांगलोई निवासी 45 वर्षीय कृष्ण कुमार, रेवाड़ी के गांव लीलोढ़ की 56 वर्षीय सुशीला देवी, कोसली की 28 वर्षीय मनीषा, टीपी स्कीम कॉलोनी रेवाड़ी के 42 वर्षीय कुलदीप के रूप में हुई है। रविवार दोपहर 3 बजे के करीब जैसे ही मरीजों की मौत की खबर परिजनों व शहरवासियों को लगी तो अस्पताल के बाहर भारी जमावड़ा लग गया और उन्होंने हंगामा करते हुए सरकुलर रोड को जाम कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए भारी पुलिस बल व अधिकारी मौके पर पहुंच गए। पीड़ित लोगों ने उन्हें भी खूब खरी खोटी सुनाई और कहा कि ऑक्सीजन भेजकर अन्य मरीजों को तो बचाओ। इन लोगों ने सीएम मुर्दाबाद के जमकर नारे लगाए। हंगामे के आधे घंटे बाद एक वाहन में 20 सिलेंडर अस्पताल पहुंचे।
‘अपने मरीज को कहीं ओर ले जाओ’
ऑक्सीजन के अभाव में अस्पताल में भर्ती महिला के रिश्तेदार एमएल सपड़ा ने कहा कि अस्पताल से फोन आया कि अपने मरीज को कहीं ओर ले जाओ, क्योंकि यहां ऑक्सीजन खत्म हो गई है। जब वे अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने देखा कि मरीज मरते पक्षी की तरह फड़-फड़ा रहे थे। हम चीखते-चिल्लाते रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि ऑक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी हो रही है। उन्होंने कहा कि मृतक मरीजों का दाह संस्कार यहीं सड़कों पर करेंगे। यहां दिल्ली से आए मृतक मरीज कृष्ण कुमार के परिजनों ने कहा कि दिल्ली के अस्पताल में जगह नहीं मिली तो वे मरीज की जान बचाने के लिए रेवाड़ी आए थे, यहां भी उसे मौत मिली। अस्पताल में सिलेंडर पहुंचने से मरीजों को कुछ राहत मिली है। लेकिन 20 सिलेंडरों से कुछ घंटे ही मरीजों की सांसे चल सकती हैं। अस्पताल प्रशासन ने और अधिक सिलेंडरों की मांग की है। इसी समय सीएमओ सुशील माही भी अस्पताल पहुंच गए, जहां उन्हें पीडि़त परिजनों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। सीएमओ ने कहा कि मामले की पूरी जांच की जाएगी।
मामले की जांच कराई जाएगी : राव इंद्रजीत
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने रेवाड़ी के निजी अस्पताल विराट में 4 कोरोना मरीजों की हुई मौत पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। घटना के बाद उन्होंने प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव से फोन पर बात कर मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। राव ने बताया कि रविवार को उन्हें स्वास्थ्य अधिकारियों से जानकारी मिली कि रेवाड़ी का ऑक्सीजन कोटा भी अचानक कम कर दिया गया है, जिसको लेकर भी उन्होंने स्वास्थ्य सचिव को आपत्ति जताते हुए रेवाड़ी के ऑक्सीजन के कोटे को पहले की तरह ही बहाल करने के तत्काल निर्देश हैं।
विधायक ने प्रशासन पर उठाये सवाल
रेवाड़ी के कांग्रेस विधायक चिरंजीव राव व पूर्व मंत्री कै. अजय सिंह यादव ने हुई असामायिक मौतों पर दुख जताते हुए प्रशासन के रवैए की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि बार-बार चेतावनी के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं टूटी और चार लोगों की मौत हो गई। इन मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, बताकर परिजनों को गुमराह किया जा रहा था। उन्होंने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के साथ-साथ लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई की जाए।