नारनौल, 2 जनवरी (हप्र)
शहीद-ए-आजम भगत सिंह के पोते यादवेंद्र सिंह ने शनिवार को जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर किसान आंदोलन को संबोधित किया और कहा कि तीनों कृषि कानून किसान ही नहीं सभी वर्गों के विरोधी हैं और इनके कारण यह देश फिर से गुलाम बन जाएगा। पहले देश अंग्रेजों का गुलाम था और अब काले अंग्रेजों का गुलाम बन गया है। यदि इन कानूनों को स्वीकार कर लिया गया तो भारत बर्बाद हो जाएगा। इसलिए जब तक यह बिल वापस नहीं होंगे, तब तक वे घर वापसी नहीं करेंगे। इस अवसर पर चौ. सुरेंद्र सिंह मेमोरियल क्लब की ओर से उन्हें आंदोलनकारियों को ठंड से बचाव के लिए 65 रजाइयां एवं 65 गद्दे भेंट किए।
इस अवसर पर यादवेंद्र सिंह संधु ने आरोप लगाया कि केंद्र ने तीनों कृषि कानून पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए तैयार किए हैं और इन बिलों पर विपक्ष ही नहीं, किसानी से जुड़े भाजपा के नेता भी संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन वे सरकार की तानाशाही के चलते मुंह खोलने से डरते हैं। धरतीपुत्र चाहता है कि यह तीनों बिल रद्द किए जायें। अन्यथा वह इनके रद्द नहीं होने तक अपने घरबार छोड़कर सड़कों पर ही डटें रहेंगे। चौ. सुरेंद्र सिंह मेमोरियल क्लब के जिला प्रधान देवेंद्र हुडीना ने कहा कि किसान कृषि बिलों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे, लेकिन सरकार अड़ियल रुख अपनाए हुए है और अपना जिद्द नहीं छोड़ रही। मगर भारत देश लोकतांत्रिक देश है और इसका हश्र वह मौका मिलने पर साफ तौर पर दिखा देंगे।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर देवेंद्र हुडीना के साथ राजकुमार नीरपुर, जयवीर यादव एडवोकेट, सतेंद्र पाल, प्रदीप मंडलाना, हरकेश वर्मा, विपिन मास्टरजी, शमशेर सिंह, नरेंद्र मास्टरजी, सुरेंद्र मास्टरजी, नित्यानंद शर्मा, रामनिवास पंच, अशोक यादव एवं विनोद यादव आदि थे।