ज्ञान ठाकुर/ निस
शिमला, 1 अप्रैल
हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने राज्य के शिक्षण संस्थानों को अब 15 अप्रैल तक बंद करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज घोषणा की कि प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए शिक्षण संस्थानों को 15 अप्रैल तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है। हालांकि सरकार ने फिलहाल विकास कार्यों और पर्यटन क्षेत्र पर बंदिशें नहीं लगाई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है। उन्होंने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रदेशवासियों से सरकार और प्रशासन के दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करने की भी अपील की।
इस बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछला पूरा वर्ष कोरोना संक्रमण के संकट के बीच गुजरा है जिससे देश भर में आर्थिक गतिविधियों पर विपरीत असर पड़ा लेकिन प्रदेश सरकार ने इस दौरान तकनीक का भरपूर उपयोग करके वर्चुअल माध्यम से विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में 3500 करोड़ की विकास परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू के तेगुबेहड़ में निर्मित टाइप-4 के आठ व टाइप-3 के आठ आवासीय क्वार्टर्ज को लेकर चिकित्सकों व स्टाफ नर्सों की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में भी प्रदेश में विकास की गति को रुकने नहीं दिया और इन भवनों का निर्माण भी इसी दौर के बीच पूरा किया गया है। कोविड-19 के संकट से निपटने में स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी भूमिका का निर्वहन करके एक मिसाल कायम की है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन तेजी के साथ फैल रहा है और हिमाचल भी इससे अछूता नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर और अधिक खतरनाक है जो सभी के लिए चिंता की बात है। इस वायरस को अधिक गंभीरता के साथ लिया जाना चाहिए और सावधानी व सतर्कता बेहद जरूरी है।
पर्यटन क्षेत्र को पहुंचा भारी नुकसान
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के चलते पिछले वर्ष विशेषकर पर्यटन क्षेत्र को बड़ा नुकसान पहुंचा। प्रदेश में अभी तक पर्यटकों के आवागमन पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है लेकिन एसओपी में निर्धारित मानदंडों की अनुपालना सुनिश्चित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य पंजाब में कोरोना संक्रमण दूसरी बार तेजी से फैल रहा है जिसके कारण हिमाचल प्रदेश के सीमांत जिलों विशेषकर ऊना व सोलन में मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है।