ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 8 मार्च
पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने खुलकर समर्थन किया है। सैलजा ने कांग्रेस ही नहीं, दूसरे दलों के विधायकों से भी अपील की है कि किसानों के हित में वे इस प्रस्ताव का समर्थन करें और काले कृषि कानून कानूनों के खिलाफ सदन में वोटिंग करें। वे सोमवार को चंडीगढ़ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं। इस मौके पर असंध विधायक शमशेर सिंह गोगी, सैलजा के राजनीतिक सलाहकार व पूर्व सीपीएस रामकिशन गुर्जर, पूर्व सांसद चरणजीत सिंह रोड़ी, वरिष्ठ नेता पंडित होशियारी लाल शर्मा व कांग्रेस महासचिव डॉ़ अजय चौधरी सहित कई वरिष्ठ नेता उनके साथ मौजूद रहे। सैलजा ने कहा कि कांग्रेस द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में भाजपा-जेजेपी विधायकों के दोगले चेहरे से पर्दा उठाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली बार्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों में से अभी तक 250 से अधिक किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। शहीद किसानों को सदन में श्रद्धांजलि न देकर सरकार ने किसानों का अपमान किया है। सैलजा ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव में समर्थन करने वाले विधायकों का एक-एक वोट किसानों की इस निर्णायक लड़ाई में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यहां बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव को स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता स्वीकार कर चुके हैं और इस पर 10 को चर्चा व वोटिंग होनी है। सैलजा ने जान गंवाने वाले किसानों के आश्रितों को सरकारी नौकरी व आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग की है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि भाजपा व जजपा के कई विधायक बाहर तो किसान आंदोलन का समर्थन करते हैं और सदन में वह सरकार के समर्थन में आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव दोगली नीति पर चल रहे सभी विधायकों को बेनकाब करने का काम करेगा। उन्होंने कहा, अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से एकजुट है। कांग्रेस के सभी विधायक इस प्रस्ताव के समर्थन में वोट करेंगे बल्कि भाजपा, जजपा व कई निर्दलीय विधायकों का भी इस प्रस्ताव पर समर्थन मिलने की उम्मीद है। सैलजा ने युवाओं को निजी क्षेत्र में दिए गए 75 प्रतिशत आरक्षण को जुमला करार देते हुए कहा, हरियाणा के निजी क्षेत्र में नौकरियां ही नहीं हैं। इस बिल से न तो प्रदेश के युवा खुश हैं और न ही उद्योगपति खुश हैं।
सैलजा ने कहा कि पीजीटी संस्कृत के 626 पदों के लिए अभ्यार्थियों ने वर्ष 2015 में परीक्षा दी थी। इसका नतीजा पहली जनवरी, 2019 को आया था और 523 पीजीटी अभ्यार्थियों को पास घोषित किया गया। भर्ती विवादों में रही, चयनित अभ्यर्थियों को एक साल तक नियुक्ति नहीं मिली। फरवरी 2021 में भर्ती रद्द कर दी गई। हरियाणा सरकार ने टीजीटी अंग्रेजी के 1,035 पदों की भर्ती प्रक्रिया को फरवरी 2021 में रद्द कर दिया। 2015 में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसके लिए लिखित परीक्षा 7 फरवरी, 2016 को हुई और 3 सितंबर, 2016 को परिणाम घोषित किया गया। पांच व 6 अक्तूबर, 2020 को इंटरव्यू हुए, लेकिन सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसे रद्द कर दिया गया। इसी तरह जूनियर लेक्चर असिस्टेंट समेत कई पदों पर भर्तियां रद्द हो चुकी हैं। महिला उत्पीड़न पर सैलजा ने कहा कि प्रदेश में रोजाना तीन से ज्यादा हत्या, 11 से ज्यादा अपहरण हो रहे हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 में महिलाओं के खिलाफ 11,370 अपराध हुए थे, जो वर्ष 2018 में बढ़कर 14,326 व वर्ष 2019 में बढ़कर 14,683 हो गए।
‘प्रदेश में रोजाना महिलाओं के खिलाफ 40 अपराध’
हरियाणा प्रदेश में रोजाना महिलाओं के खिलाफ 40 अपराध हो रहे हैं। वर्ष 2017 में 1099 रेप के मामले दर्ज हुए थे, जो वर्ष 2018 में बढ़कर 1296 और वर्ष 2019 में बढ़कर 1480 हो गए। वर्ष 2019 में हरियाणा में गैंग रेप के 159 मामले दर्ज हुए, जिसमें हरियाणा प्रदेश का स्थान पूरे देश में दूसरा है। हरियाणा सरकार द्वारा पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को दिया गया आरक्षण भी प्रदेशवासियों की आंखों में धूल झोंकने वाला है। सरकार का यह फैसला महिलाओं को 50 प्रतिशत अनारक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने से वंचित कर देगा।