पिंजौर, 1 जनवरी (निस)
गत एक माह से पिंजौर, कालका प्रापर्टी वेल्फेयर एसोसिएशन के लोग अर्बन एक्ट 7ए के विरोध में धरना, रोष प्रदर्शन करते हुए एक्ट खत्म करने की मांग कर रहे हैं। शुक्रवार को भी कालका तहसील एवं पिंजौर में धरना जारी रहा। लोगों ने नारेबाजी भी की। एसोसिएशन प्रधान हर्ष चढ्डा ने कहा कि शनिवार को सुबह कालका काली माता मंदिर, शाम पिंजौर धरनास्थल और दोपहर को चंडीमंदिर टोल प्लॉजा पर सभी सदस्य कटोरे में तेल डालकर और सरकारी प्रतिनिधियों की तस्वीरें लगाकर भीख मांगेंगे। क्योंकि कामकाज ठप होने के कारण वे अब बेरोजगार हो चुके हैं।
आज एसोसिएशन सरंक्षक मान सिंह के नेतृत्व में शिष्टमंडल ने विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को ज्ञापन दिया। ज्ञानचंद गुप्ता के हस्तक्षेप के बाद कालका और पिंजौर के पुराने नगरपालिका क्षेत्र की जमीनों, मकानों की रजिस्ट्रियां खोलने का एलान प्रशासन ने कर दिया। लेकिन 10 वर्ष पूर्व नगर निगम और नगर परिषद में शामिल किए गए क्षेत्र में 7ए लागू रहेगी। हर्ष चढ्डा ने इस पर आपति जताते हुए कहा कि इसमें भी प्रशासन ने एक पेंच फंसा दिया है कि पहले खरीददार को नगर निगम या परिषद से नक्शा पास करवाकर विकास शुल्क जमा करवाना होगा। उन्होंने बताया अधिकतर लोग पहले प्लॉट खरीदते हैं फिर एक-दो साल बाद पैसे जुटाकर मकान बनाने की सोचते हैं। ऐसे में वह व्यक्ति पंचकूला, गुड़गांव के समान विकास शुल्क जमा करवाकर नक्शा कैसे पास करवा सकता है। उन्होंने कहा जब कालका, पिंजौर क्षेत्र नगर निगम पंचकूला से अलग होकर नगर परिषद बन चुका है तो ऐसे में पंचकूला ए क्लास सिटी के समान 10 गुना शुल्क वसूलना भी गलत है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक पूरे नगर परिषद और निगम क्षेत्र से धारा 7ए हटाकर बिना शुल्क जमीनों की रजिस्ट्रियां नहीं खोली जातीं तब तक उनका धरना और विरोध-प्रदर्शन यूं ही जारी रहेगा।