नयी दिल्ली, 15 नवंबर (एजेंसी)
रविवार की सुबह दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ‘आपात’ स्थिति में पहुंच गया। पटाखों से निकलने वाले धुएं के कारण बनी धुंध आसमान में छाई रही और उसकी तीखी गंध वातावरण में महसूस हुई। शनिवार शाम वायु गुणवत्ता ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई थी। इस दिन दिल्ली के प्रदूषण में पीएम 2.5 कणों में पराली जलाने की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत थी, लेकिन पटाखों से निकलने वाले धुएं और हवा की मंद गति से हालात और बिगड़ गए। दिल्ली-एनसीआर में सुबह 6 बजे पीएम 2.5 कणों का स्तर 396 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था, जबकि इनका आपात स्तर 300 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर होता है और सुरक्षित स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर होता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक सुबह 6 बजे पीएम-10 का स्तर 543 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया, जबकि इसका आपात स्तर 500 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर होता है और 100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर का स्तर भारत में सुरक्षित माना जाता है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के मुताबिक 48 घंटे से अधिक समय तक पीएम 2.5 कणों का स्तर 300 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से अधिक तथा पीएम 10 का स्तर 500 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से अधिक बना रहता है तो वायु गुणवत्ता ‘अति गंभीर से अधिक’ तथा ‘आपात’ श्रेणी में मानी जाती है। शनिवार रात दिल्ली-एनसीआर में बड़े पैमाने पर पटाखे चलाए गए। दिल्ली में पुलिस ने शनिवार को 10 लोगों को गिरफ्तार किया तथा उनके पास से 638 किलोग्राम पटाखे बरामद किए। दिल्ली में शनिवार शाम चार बजे एक्यूआई 414 दर्ज किया गया, रात दस बजे तक यह 454 पर पहुंच गया तथा रविवार सुबह नौ बजे एक्यूआई का स्तर 465 दर्ज किया गया। पड़ोसी शहरों में भी एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। फरीदाबाद में एक्यूआई का स्तर 438, गाजियाबाद में 483, ग्रेटर नोएडा में 439, गुड़गांव में 424 और नोएडा में 466 दर्ज किया गया। पिछले वर्ष दीपावली 27 अक्टूबर को थी और तब 24 घंटे का औसत एक्यूआई 337 था। अगले दो दिन यह 368 और 400 था।