कैथल, 19 अक्तूबर (हप्र)
संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. श्रेयांश द्विवेदी और हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डॉक्टर वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि विश्वविद्यालय संस्कृत के अध्ययन अध्यापन और उसके माध्यम से भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए हरसंभव कार्य करेगा। उन्होंने ग्रामोदय अभियान के अंतर्गत आयोजित एक परिचर्चा में यह टिप्पणी की। कुलपति द्विवेदी ने कहा कि फिलहाल कैथल के राजकीय महाविद्यालय में चल रहा संस्कृत विश्वविद्यालय कई पाठ्यक्रमों में अध्यापन प्रारंभ कर चुका है। डॉक्टर चौहान ने कहा कि संस्कृत देवभाषा होने के साथ विश्व की सर्वाधिक वैज्ञानिक भाषा भी है किन्तु पूर्व की सरकारों के कार्यकाल में सांप्रदायिक कारणों से संस्कृत की अनदेखी की गई।