चंडीगढ़, 14 अगस्त (ट्रिन्यू)
केंद्र सरकार ने रामसर कन्वेंशन के तहत हरियाणा के दो पक्षी अभयारण्यों को अंतर्राष्ट्रीय महत्व वाले स्थानों के रूप में मान्यता दी है। इससे देश में अंतर्राष्ट्रीय महत्व वाले स्थानों की संख्या बढ़कर 46 हो गई है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने शनिवार को इसकी घोषणा की। रामसर कन्वेंशन (वैटलैंड) आद्रभूमि के संरक्षण और बुद्धिमानी से उपयोग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है। इसका नाम ईरानी शहर रामसर के नाम पर रखा गया है, जहां 2 फरवरी 1971 को संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। मंत्रालय के अनुसार, पहली बार हरियाणा में 2 आद्रभूमि (वैटलैंड) गुरुग्राम में सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान और झज्जर में भिंडावास वन्यजीव अभयारण्य को रामसर सूची में शामिल किया गया है। रामसर सूची का उद्देश्य आद्रभूमि के एक अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क को विकसित करना और बनाए रखना है, जो वैश्विक जैविक विविधता के संरक्षण के लिए और उनके पारिस्थितिक तंत्र घटकों, प्रक्रियाओं और लाभों के रख-रखाव के माध्यम से मानव जीवन को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
हरियाणा का भिंडावास वन्यजीव अभयारण्य मानव निर्मित मीठे पानी की आद्रभूमि है। यह हरियाणा में भी सबसे बड़ा है। 250 से अधिक पक्षी प्रजातियां पूरे वर्ष अभ्यारण्य का उपयोग विश्राम स्थल के रूप में करती हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 4 और भारतीय आद्रभूमियों को अंतर्राष्ट्रीय महत्व के आद्रभूमि के रूप में रामसर की मान्यता मिली है। इनमें 2 हरियाणा से संबंधित है। यह समूचे हरियाणा के लिए गौरव की बात है।